लिकटेंस्टाइन : न एयरपोर्ट, न अपनी मुद्रा, फिर भी समृद्ध

उदय दिनमान डेस्कः  एक ऐसा देश जो छोटा सा है, न एयरपोर्ट है, न खुद की मुद्रा, फिर भी दुनिया के सबसे अमीर देशों में गिना जाता है। हाँ, हम बात कर रहे हैं लिकटेंस्टाइन की।लिकटेंस्टाइन यूरोप के बीचोंबीच है, स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया के बीच। इसका आकार इतना छोटा है कि आप इसे एक दिन में घूम सकते हैं, लेकिन इसकी खूबी इतनी बड़ी है कि यह दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है। राजधानी है वाडुज़, जो देश का प्रशासनिक और सांस्कृतिक हब है।

यह देश संवैधानिक राजतंत्र है। यानी यहाँ एक राजकुमार है, लेकिन संसद और सरकार भी काम करती हैं। छोटे होने के बावजूद लिकटेंस्टाइन की राजनीति बेहद स्थिर और साफ-सुथरी है।सबसे मज़ेदार बात यह है कि यहाँ कोई एयरपोर्ट नहीं है। अगर आप यहाँ जाना चाहो तो सबसे नजदीकी स्विट्ज़रलैंड या ऑस्ट्रिया के एयरपोर्ट से आना पड़ेगा।दूसरी बात, लिकटेंस्टाइन की अपनी कोई मुद्रा नहीं है। यहाँ स्विस फ़्रैंक चलता है। यानी देश अपनी आर्थिक ताकत और बैंकिंग के दम पर अमीर है, बावजूद इसके कि खुद का नोट या सिक्का नहीं है।

लिकटेंस्टाइन में लोग दुनिया के किसी भी देश के लोगों से पीछे नहीं। यहाँ की औसत आमदनी (per capita income) बहुत ज्यादा है। बैंकिंग, वित्तीय सेवाएँ और उच्च तकनीक वाले उद्योग इसे आर्थिक रूप से सुपर पावर बनाते हैं। छोटा देश, पर जीवन स्तर और सुविधा में टॉप क्लास।यहाँ की मुख्य भाषा जर्मन है, और संस्कृति यूरोपियन परंपराओं और आधुनिकता का मिक्स है। लोग खेल, संगीत और लोक उत्सवों का खूब मज़ा लेते हैं। छोटा देश होने के बावजूद, यहाँ का जीवन बहुत आरामदायक और प्रगतिशील है।

लिकटेंस्टाइन ये दिखाता है कि छोटा होना कोई कमजोरी नहीं, बल्कि समझदारी और सही आर्थिक फैसलों के साथ आप दुनिया में सबसे आगे हो सकते हैं। न एयरपोर्ट, न अपनी मुद्रा — फिर भी अमीर और समृद्ध, लिकटेंस्टाइन सच में एक अनोखा और प्रेरणादायक देश है।

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