चीन सीमा तक जाने वाला लिपुलेख मार्ग खुला

धारचूला : 24 घंटे से बंद चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग यातायात के लिए खुल चुका है। मार्ग खुलने से चीन सीमा पर स्थित व्यास घाटी के सात गांवों सहित आदि कैलास, ओम पर्वत का संपर्क शुक्रवार की सायं बहाल हो चुका है। मार्ग खुलने से फंसे लोग व वाहन धारचूला पहुंचने लगे हैं।

गर्बाधार के पास चार दिनों से बंद मार्ग एक दिन पूर्व गुरुवार दिन में यातायात के लिए खुला, परंतु सायं को ही गर्बाधार के पास चट्टान टूटने से भारी मलबा आने से बंद हो गया था। इस मार्ग के बंद होने से चीन सीमा से लगी व्यास घाटी का तहसील मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया था।

मार्ग बंद होने से छांगरु से शवों को लेकर आ रहे नेपाली नागरिक भी फंसे हुए थे। दो मई को नेपाल के छांगरु में हुए हिमस्खलन में दबे तीन शव निकाले गए हैं। इन शवों को भारत के रास्ते नेपाल के जिला मुख्यालय दार्चुला लाया जा रहा है। गर्बाधार में मार्ग बंद होने से शव ला रहे लोग शवों के साथ फंसे थे।

शुक्रवार सायं को मार्ग खुलने के बाद फंसे वाहन व लोग धारचूला पहुंचने लगे हैं। शुक्रवार सुबह धारचूला से उच्च हिमालय जाने वाले वाहन गर्बाधार से वापस लौटे। शुक्रवार सायं को लगभग 24 घंटे बाद मलबा हटाए जाने पर मार्ग खुला।

इसी मार्ग से शनिवार सुबह आदि कैलास यात्रा का पहला दल बूंदी जाएगा। मार्ग बंद होने से दल के शनिवार को बूंदी पहुंचने की संभावना पर प्रश्नचिह्न लग रहा था। इधर मार्ग खुलने से अब दल की आगे की यात्रा को लेकर बना संशय समाप्त हो गया है।

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