मलबे में दबी जिंदगियां

तुर्किये। 6 फरवरी को तुर्किये और सारिया में आए घातक भूकंप के बाद देश की सूरत ही बदल गई है। खबरों के मुताबिक, इस घातक भूकंप में 15,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और कई लोगों को अब भी रेस्क्यू किया जा रहा है।

इस भयंकर भूकंप के बाद की सैटेलाइट तस्वीरें सामेन आई हैं, जिसमें पूरा शहर खंडहर और मलबे के रूप में नजर आ रहा है। दक्षिणी शहर अंताक्य और कहारनमारस सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक हैं, जहां कई ऊंची इमारतें ढह कर धाराशाही हो गए हैं।

सैटेलाइट तस्वीरों में देखा जा सकता है कि खुले क्षेत्रों और स्टेडियमों में राहत कार्यों के लिए सैकड़ों आपातकालीन आश्रय स्थापित किए गए हैं। कहारनमारस और गाजियांटेप के बीच के हिस्सों में सबसे ज्यादा विनाश देखा गया, यहां पूरे शहर के ब्लॉक मलबे में तब्दील हो गए हैं।

तुर्किये ने सात प्रांतों में लगभग 3,000 से अधिक इमारतें गिरने का अनुमान लगाया हैं, जिसमें कई सार्वजनिक अस्पताल शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, इसमें 13वीं शताब्दी का एक ऐतिहासिक मस्जिद भी आंशिक रूप से ढह गया है।

मिली जानकारी के मुताबकि, अब तक मौत का आंकड़ा 15,383 तक पहुंच गया है, जिसमें तुर्किये में 12,391 और सीरिया में 2,992 शामिल हैं। इसी के साथ बचाव अभियान अभी भी जारी हैं, जिसको देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि मौत का आंकड़ा अभी बढ़ सकता है।

सोमवार को करीब 20 लाख की आबादी वाले तुर्किये शहर के गाजियांटेप में 7.8 तीव्रता का पहला भूकंप आया, इसके बाद 7.5 तीव्रता वाला दूसरा भूकंप और कई आफ्टरशॉक्स आए। डेनमार्क और ग्रीनलैंड के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि इसके झटके ग्रीनलैंड तक महसूस किए गए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि भूकंप के कारण 23 मिलियन लोग प्रभावित हो सकते हैं और कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में 77 राष्ट्रीय और 13 अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन चिकित्सा दल तैनात किए जा रहे हैं। भारत ने भी तुर्किये और सीरिया को कई खेप में राहत सामग्री भेजी है।

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