देहरादून। माघ पूर्णिमा स्नान पर धर्मनगरी हरिद्वार में हरकी पैड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। यह कुंभ वर्ष का चौथा स्थान है। श्रद्धालु सुबह से ही घाटों पर पहुंचना शुरू हो गए थे। मान्यता है कि माघी पूर्णिमा स्नान को लेकर मान्यता है कि पौष पूर्णिमा की तरह ही माघी पूर्णिमा पर गंगा में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं।
स्नान के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए हुए हैं। राज्य सरकार और जिला प्रशासन की एसओपी के अनुरूप श्रद्धालुओं की कोरोना जांच की जा रही है। इसके लिए जगह-जगह पर एंटीजन जांच केंद्र भी बनाए गए हैं। साथ ही आने वाले श्रद्धालुओं की रैंडम जांच भी की जा रही है।
स्नान को लेकर यह भी मान्यता है कि माघी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगाजल में निवास करते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और उसके बाद दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके निमित्त प्रेमनगर आश्रम घाट पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही दान-पुण्य भी कर रहे हैं।
प्रेमनगर आश्रम घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। यहां थर्मल स्क्रीनिंग और एंटीजन जांच के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है।माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट और आसपास क्षेत्र में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने गरीबों को दान कर पुण्य कमाया।
त्रिवेणी घाट में शनिवार की सुबह हल्की बूंदाबांदी के बीच श्रद्धालु गंगा में स्नान के लिए पहुंचने लगे थे।बाद में मौसम साफ होने के कारण यहां श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई। श्री गंगा सभा ने यहां श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों के जरिए उद्घोषक की व्यवस्था की है।