काबुल: अफगानिस्तान में बीती रात तेज भूकंप आया. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गई. भूकंप के चलते दो बच्चों समेत 9 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 15 अन्य घायल हो गए. इसके झटके पूरे पाकिस्तान और दिल्ली-एनसीआर में भी महसूस किए गए.
अनादोलु न्यूज एजेंसी ने अफगानिस्तान के सूचना मंत्रालय के हवाले से कहा कि 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और 500 घायल हुए हैं, जिनमें कुनार सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. वहीं, भूकंप से संबंधित कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए है, जिनमें भूकंप की तीव्रता साफ देखी जा सकती है. अफगानिस्तान के वर्दक प्रांत की राजधानी मैदान शहर की पूर्व मेयर ज़रीफ़ा ग़फ़ारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि विनाशकारी भूकंप ने पूरे गांवों को तहस-नहस कर दिया है.
गफ़्फ़ारी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि अफ़ग़ानिस्तान के कुनार, नांगरहार और नोरिस्तान प्रांतों में विनाशकारी भूकंप आया है, जिससे कई परिवार हताहत हो गए हैं क्योंकि घर ध्वस्त हो गए हैं और ज़िंदगियां तबाह हो गई हैं. कई गांव तो पूरे के पूरे ही तबाह हो गए हैं, और हज़ारों बच्चे, महिलाएँ और बुज़ुर्ग ग्रामीण घायल हो गए हैं, बेघर हो गए हैं और बेहद असुरक्षित हैं.तालिबान के उचित जवाब देने में असमर्थ होने के कारण, कुनार के लोगों को जरूरी मदद की सख़्त ज़रूरत है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और मानवीय संगठनों को राहत, आश्रय और जीवन रक्षक सहायता पहुँचाने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार रविवार देर रात पूर्वी अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप स्थानीय समयानुसार रात 12:47 बजे आया. भूकंप का केंद्र नांगरहार प्रांत में जलालाबाद से 27 किमी पूर्व-उत्तरपूर्व में जमीन से 8 किमी की उथली गहराई पर था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार झटके के बाद दो बच्चों समेत 9 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 15 अन्य घायल हो गए. रिपोर्ट के अनुसार भूकंप के चलते बड़े पैमाने पर तबाही हुई है. प्रांतीय अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के दौरान घर की छत गिरने से बच्चों की मौत हो गई. शुरुआती आकलन में कई लोगों के घायल होने की भी सूचना मिली है.
रिपोर्ट के अनुसार भूकंप के कारण पूर्वी अफगानिस्तान में कई सेकंड तक इमारतें हिलती रही. वहीं, अफगानिस्तान से करीब 370 किलोमीटर दूर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भी इसके झटके महसूस किए गए. रिपोर्ट के अनुसार इसके झटके दिल्ली-एनसीआर में भी महसूस किए गए. भूकंप के चलते लोगों में हड़कंप मच गया. रात होने के कारण लोग डरे सहमे रहे.
अफगानिस्तान यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के निकट स्थित होने के कारण विशेष रूप से हिंदू कुश क्षेत्र में, भूकंपीय गतिविधि के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है.स्थानीय अधिकारियों के अनुसार यह भूकंप नांगरहार प्रांत में शुक्रवार रात से शनिवार तक आई भारी बाढ़ के कुछ ही दिन बाद आया है, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई तथा फसलें और संपत्ति नष्ट हो गई. उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान भूकंप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है.
ऐसा इसलिए क्योंकि यह कई फॉल्ट लाइन्स के टॉप पर स्थित है, जहां भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं.बता दें कि गत अप्रैल महीने में अफगानिस्तान में भूकंप आया था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई थी. इस भूकंप का असर उत्तरी भारत के जम्मू-कश्मीर में भी महसूस किया गया. यहां के कुछ हिस्सों में भी भूंकप के तेज झटके महसूस किए गए.