हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर महात्माओं ने बेहद सीमित संख्या में किया स्नान

हरिद्वार। हरिद्वार कुंभ के अंतिम शाही स्नान चैत्र पूर्णिमा के प्रतीकात्मक स्नान के लिए हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर निरंजनी अखाड़ा के संत महात्माओं ने स्‍नान किया। अखाड़े के सचिव और मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री रविंद्र पुरी के नेतृत्व में संत शाही स्नान के लिए पहुंचे हैं। मेलाधिकारी दीपक रावत ने संतों का स्वागत किया।

संत महात्मा 100 से भी कम संख्या में हैं। हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर अपनी घोषणा के मुताबिक निरंजनी अखाड़े के संत महात्माओं ने बेहद सीमित संख्या में प्रतीकात्मक स्नान किया। श्रीमहंत रविंद्र पुरी अपने अखाड़े के आराध्य देव और मां गंगा की पूजा अर्चना करने के साथ ही कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए अखाड़े के संत मास्क लगाकर और शरीरिक दूरी का पालन कर प्रतीकात्मक शाही स्नान किया। स्नान करने के बाद अखाड़े के संत वापस लौट रहे हैं।

पुलिस महानिरीक्षक (मेला) संजय गुंज्याल ने शाही स्नान को लेकर मेला अधिष्ठान और पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रिसिंग कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया। गुंज्याल ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने विभिन्न अखाड़ों के पदाधिकारियों के साथ शाही स्नान की व्यवस्था को लेकर चर्चा की थी। संतों ने उन्हें भरोसा दिया है कि स्नान के दौरान कोविड गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। स्नान के दौरान मास्क और शारीरिक दूरी का ध्यान रखा जाएगा।

मेला आइजी ने कहा कि शाही स्नान जुलूस के समय राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ समय के लिए यातायात डायवर्ट किया जाएगा। इसके अलावा हरकी पैड़ी को भी सुबह सात बजे के बजाय थोड़ा विलंब से आम श्रद्धालुओं के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा। आम श्रद्धालुओं को हरकी पैड़ी के अतिरिक्त अपर रोड व अन्य बाजारों में आने जाने की छूट रहेगी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद शाही स्नान के लिए स्नान का क्रम पहले ही निर्धारित कर चुका है। यह क्रम पिछले शाही स्नान की तरह ही रहेगा।

इसके तहत सबसे पहले श्री निरंजनी अखाड़ा, आनंद अखाड़े के साथ स्नान करेगा। इसके बाद जूना, अग्नि और आह्वान अखाड़े की बारी है। तीसरे क्रम पर महानिर्वाणी अखाड़ा, अटल अखाड़ा के साथ स्नान करेगा। संन्यासी अखाड़ों के स्नान के बाद तीनों बैरागी अणियां और उनके अखाड़े स्नान करेंगे। बैरागी अणियों के बाद दोनों उदासीन अखाड़ा और सबसे अंत में निर्मल अखाड़ा स्नान करेगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से नाराज चल रहे बैरागी अखाड़ों ने भी इस स्नान क्रम पर सहमति जताई है।

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