एक हजार घर की नाम पट्टिका बालिकाओं के नाम से लगवाना सुनिश्चित करें:DM

पौड़ी:अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विकास भवन सभागार पौड़ी में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी डाॅ. विजय कुमार जोगदण्डे ने बतौर मुख्यअतिथि शिकरकत कर उपस्थित बालिका एवं महिलाओं को महिला दिवस की शुभकामनाऐं दी। आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनपद में बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं के तहत अभिनव कार्य ‘मेरू सुपन्यू, मेरो लक्ष्य‘‘, एवं ‘‘घोर की पछयाण नौनी कू नौ‘‘ बालिकाओं के विकास के लिए यह एक बहुत ही अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के विकास के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य बालक-बालिकाओं में भेद-भाव किये बिना उन्हें समानता के अवसर प्रदान करना है।
उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी से घर की नाम पट्टिका पर अपनी बेटी के नाम दर्शित करने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक विकासखण्ड में विभाग के माध्यम से एक हजार घर की नाम पट्टिका बालिकाओं के नाम से लगवाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने बाल विकास विभाग को एक माह के अन्दर जनपद के समस्त विकास खण्डों में 15 हजार नाम पट्टिका बालिकाओं के नाम से लगवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यह अभियान रूकना नहीं चाहि, इसे आगे बढ़ाकर सफल बनाना है। कार्यक्रम के बाद जिलाधिकारी ने नगर क्षेत्र के घरों पर भी बालिका के नाम पट्टीका लगा कर कार्यक्रम का विधवत शुभारंभ किया।
इस मौके पर जिलाधिाकरी, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र कुमार, मुख्य बाल विकास परियोेजना अधिकारी मीना शाह सहित उपस्थित महिलाएं ने नगरीय क्षेत्र पौड़ी के घरों में जाकर बालिकाओं के नाम की नेम प्लेट लगाई तथा माता एवं बालिका को दिवस की शुभ कामनाऐं देते हुए आरती भी की गई, जिलाधिकारी ने परिजनों को बालिकाओं के सपने साकार करने हेतु हर संभव सहयोग देने को कहा। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जिन घरों में बालिका नही है उन घरों पर महिलाओं  के नेम प्लेट लगाना सुनिश्चित करें।
बालिका अविभावक बीरेन्द्र खंकरियाल ने पापा मैं जीना चाहती हूं अपनी रचना का कविता पाठ किया। जबकि उपस्थित बालिकाओं ने जिलाधिकारी के समक्ष व्यापारी, डाक्टर, अध्यापिका, आईएएस, आपीएस, फौजी, पुलिस, समाज सेवी, इंजिनियर, आर्टिस्ट आदि बनने की लक्ष्य बताया। जिलाधिकारी ने 50 बालिकाओं को नेम प्लेट भेंट की।
जिलाधिकारी ने अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जनपद स्तर पर दो कार्यक्रम सम्मिलित किये जायेंगे। कहा कि ‘‘सपनों की उड़ान‘‘ के अन्तर्गत लिंगानुपात बहुत कम है, जिसके तहत जन-जागरूकता संबंधी विभिन्न कार्यक्रम जनपद में किये जाते हैं, जिसमें छात्राओं का मार्गदर्शन किया जाता है।
कहा कि प्रत्येक विकास खण्ड में वृहद् स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने हेतु कार्ययोजना तैयार की जायेगी, जिसमें बाल विकास विभाग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रान्तर्गत विद्यालयों में जाकर छात्राओं के साथ चर्चा करेंगे तथा आर्थिक सहायता की आवश्यकता होने पर नियमानुसार सहयोग भी प्रदान करेंगे। जिलाधिकारी ने उत्तराखण्ड की कई सफल बालिकाओं के उदाहरण दिये। उन्होंने पर्वतारोही उत्तराखण्ड की बेटी शीतल राज का उदाहरण देते हुए कहा कि शीतल राज ने अपने पहले ही प्रयास में एवरेस्ट पर्वत पर चढ़कर सफलता हांसिल की।
कहा कि उन्हें ट्रेनिंग आदि के लिए बाल विकास विभाग द्वारा सहायता भी प्रदान की गई, जिससे वह अपने सपने को साकार करने में सफल हुई। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं से कहा कि आपका जो सपना है, उसको साकार करने के लिए आपको मेहनत करना बहुत जरूरी है। कहा कि अगर हमारे द्वारा आपकी कोई मदद की भी जाती है, और आपने मेहनत नहीं किया है तो उसका कोई फयदा नहीं है।
उन्होंने बालिकाओं से कहा कि कार्यक्रम का जो थीम है ‘सपनों की उड़ान‘‘ इसके अन्तर्गत हमारी पहल रहेगी कि आपकी मनसा, आकांक्षा, सपना और जिज्ञासाओं पर चर्चा कर आपका उचित मार्गदर्शन करना। कहा कि जनपद में अच्छा कार्य करने वालों के साथ आपका संवाद किया जायेगा, जिससे कि आपको विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी प्राप्त होने के साथ ही सही दिशा भी मिल सकेगी। उन्होंने जनपद के समस्त अधिकारियों को अधिक से अधिक संख्या में विकासखण्ड स्तर पर भी कार्यक्रम करने को कहा।
उन्होंने कहा कि बालक-बालिकाओं में कोई भेद न हो इसके लिए एक अन्य कार्यक्रम के तहत घर की नाम पट्टिका बालिकाओं का नाम से रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में आपके घर के नाम के साथ-साथ आपका नाम जमीन के खाता-खतौनी में भी दर्ज हो सकता है। कहा कि इसके लिए उत्तराखण्ड शासन ने एक विधेयक सदन में रखा है, जिस पर चर्चा होनी है, जिसके पारित होने की सम्भावना है।
मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए बालिकाओं के विकास को लेेकर संचालित योजनाओं, जनपद में आयोजित किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों एवं लिंगानुपात आदि की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी भी समाज में बालिकाओं के प्रति जो संर्कीणता वाली सोच है, उसे हमें बदलना है और इसमें सभी का सहयोग जरूरी है।
इस मौके पर  अपर जिलाधिकारी डा. एस के बरनवाल, पीडी संजीव कुमार राय, डीडीओ वेद प्रकार, डीपीआरओ एम एम खान, मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिह रावत, जिला शिक्षा अधिकारी के एस रावत सहित बालिकाऐं, परिजन एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

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