मन की बात: पीएम नेअंगदान और सोलर एनर्जी पर खास फोकस किया

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज यानी 26 मार्च को ‘मन की बात’ के 99वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अंगदान और सोलर एनर्जी पर खास फोकस किया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति, सौराष्ट्र तमिल संगमम और सियाचीन में तैनात पहली महिला कैप्टन शिवा चौहान का भी जिक्र किया।

पीएम मोदी ने कहा, ”जहां भारत के जन-जन के ‘मन की बात’ हो, वहां की प्रेरणा ही कुछ और होती है। मुझे इस बात की खुशी है कि मन की बात के सौवें एपिसोड को लेकर देश के लोगों में बहुत उत्साह है। मुझे बहुत सारे सन्देश मिल रहे हैं, फोन आ रहे हैं।

आज जब हम आजादी का अमृतकाल मना रहे हैं, नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहे हैं, तो सौवें ‘मन की बात’ को लेकर आपके सुझावों और विचारों को जानने के लिए मैं भी बहुत उत्सुक हूं। मुझे आपके ऐसे सुझावों का बेसब्री से इंतजार है। वैसे तो इंतजार हमेशा होता है, लेकिन इस बार जरा इंतजार ज्यादा है। आपके ये सुझाव और विचार ही 30 अप्रैल को होने वाले सौवें ‘मन की बात’ को और यादगार बनाएंगे।

मेरे प्यारे देशवासियो, ‘मन की बात’ में हमने ऐसे हजारों लोगों की चर्चा की है, जो दूसरों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं। कई लोग ऐसे होते हैं, जो बेटियों शिक्षा के लिए अपनी पूरी पेंशन लगा देते हैं, कोई अपने पूरे जीवन की कमाई पर्यावरण और जीव-सेवा के लिए समर्पित कर देता है।

हमारे देश में परमार्थ को इतना ऊपर रखा गया है कि दूसरों के सुख के लिए, लोग, अपना सर्वस्व दान देने में भी संकोच नहीं करते | इसलिए तो हमें बचपन से शिवि और दधीचि जैसे देह-दानियों की गाथाएँ सुनाई जाती हैं |
साथियों, आधुनिक Medical Science के इस दौर में Organ Donation, किसी को जीवन देने का एक बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है |

कहते हैं, जब एक व्यक्ति मृत्यु के बाद अपना शरीर दान करता है तो उससे 8 से 9 लोगों को एक नया जीवन मिलने की संभावना बनती है।संतोष की बात है कि आज देश में Organ Donation के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है। साल 2013 में, हमारे देश में, Organ Donation के 5 हजार से भी कम cases थे, लेकिन 2022 में, ये संख्या बढ़कर, 15 हजार से ज्यादा हो गई है।

साथियों, organ donation के लिए सबसे बड़ा जज्बा यही होता है कि जाते-जाते भी किसी का भला हो जाए, किसी का जीवन बच जाए। जो लोग, organ donation का इंतजार करते हैं, वो जानते हैं, कि, इंतजार का एक-एक पल गुजरना, कितना मुश्किल होता है। और ऐसे में जब कोई अंगदान या देहदान करने वाला मिल जाता है, तो उसमें, ईश्वर का स्वरूप ही नजर आता है।

झारखंड की रहने वाली स्नेहलता चौधरी जी भी ऐसी ही थी जिन्होंने ईश्वर बनकर दूसरों को जिंदगी दी। 63 वर्ष की स्नेहलता चौधरी जी, अपना दिल, किडनी और लिवर दान करके गईं।साथियों, 39 दिन की अबाबत कौर हो या 63 वर्ष की स्नेहलता चौधरी, इनके जैसे दानवीर हमें जीवन का महत्व समझाकर जाते हैं।हमारे देश में आज बड़ी संख्या में ऐसे जरूरतमंद हैं, जो स्वस्थ जीवन की आशा में किसी आर्गन डोनेट करने वाले का इंतजार कर रहे हैं।

मुझे संतोष है कि अंगदान को आसान बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए पूरे देश में एक जैसी पॉलिसी पर भी काम हो रहा है। इस दिशा में राज्यों के Domicile की शर्त को हटाने का निर्णय भी लिया गया है। यानी अब देश के किसी भी राज्य में जाकर मरीज आर्गन प्राप्त करने के लिए रजिस्टर करवा पाएगा।सरकार ने आर्गन डोनेशन के लिए 65 वर्ष से कम आयु की आयु-सीमा को भी खत्म करने का फैसला लिया है। इन प्रयासों के बीच मेरा देशवासियों से आग्रह है कि आर्गन डोनर (अंग दान करने वाले) ज्यादा से ज्याद संख्या में आगे आएं। आपका एक फैसला कई लोगों की जिंदगी बचा सकता है, जिंदगी बना सकता है।

आज, भारत का जो सामर्थ्य नए सिरे से निखरकर सामने आ रहा है, उसमें बहुत बड़ी भूमिका हमारी नारी शक्ति की है। आपने सोशल मीडिया पर, एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव जी को जरुर देखा होगा।सुरेखा जी, एक और कीर्तिमान बनाते हुये वंदे भारत एक्सप्रेस की भी पहली महिला लोको पायलट बन गई हैं।इसी महीने, producer गुनीत मोंगा और Director कार्तिकी गोंज़ाल्विस उनकी Documentary ‘Elephant Whisperers’ ने Oscar जीतकर देश का नाम रोशन किया है।

देश के लिए एक और उपलब्धि Bhabha Atomic Research Centre की साइंटिस्ट बहन ज्योतिर्मयी मोहंती जी ने भी हासिल की है। ज्योतिर्मयी जी को Chemistry और Chemical Engineering के क्षेत्र में IUPAC का विशेष अवार्ड मिला है।इस वर्ष की शुरुआत में ही भारत की Under-19 महिला क्रिकेट टीम ने T-20 World cup जीतकर नया इतिहास रचा।

आज, देश की बेटियां, हमारी तीनों सेनाओं में अपने शौर्य का झंडा बुलंद कर रही हैं। ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी Combat यूनिट में कमांड एप्वाइंटमेंट पाने वाली पहली महिला वायुसेना अधिकारी बनी हैं। उनके पास करीब तीन हजार घंटे का फ्लाइंग एक्सपीरिएंस है। इसी तरह भारतीय सेना की जांबाज कैप्टन शिवा चौहान सियाचीन में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनी हैं।

सियाचीन में जहां पारा -60 डिग्री तक चला जाता है, वहां शिवा तीन महीनों के लिए तैनात रहेंगी। नारीशक्ति की ये ऊर्जा ही विकसित भारत की प्राणवायु है।भारत सोलर एनर्जी के क्षेत्र में जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, वो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। भारत के लोग तो सदियों से सूर्य से विशेष रूप से नाता रखते हैं | हमारे यहां सूर्य की शक्ति को लेकर जो वैज्ञानिक समझ रही है, सूर्य की उपासना की जो परंपराएं रही हैं, वो अन्य जगहों पर कम ही देखने को मिलते हैं।

मुझे खुशी है कि आज हर देशवासी सौर ऊर्जा का महत्व भी समझ रहा है और क्लीन इनर्जी में अपना योगदान भी देना चाहता है। सबका प्रयास की यही भावना आज भारत के सोलर मिशन को आगे बढ़ा रहा है।महाराष्ट्र के पुणे में MSR-Olive Housing Society के लोगों ने तय किया है कि वे पीने के पानी, लिफ्ट और लाइट जैसे सामूहिक उपयोग की चीजें अब सोलर इनर्जी से ही चलाएंगे। इसके लिए सभी ने मिलकर सोलर पैनल लगवाए हैं। आज इन सोलर पैनल से हर साल करीब 90 हजार किलोवाट ऑवर बिजली पैदा हो रही है। इससे हर महीने लगभग 40 हजार रुपये की बचत हो रही है।

दीव भारत का पहला ऐसा जिला बना है, जो, दिन के समय सभी जरूरतों के लिए शत्-प्रतिशत क्लीन एनर्जी का इस्तेमाल कर रहा है। दीव की इस सफलता का मंत्र भी सबका प्रयास ही है। कभी यहां बिजली उत्पादन के लिए संसाधनों की चुनौती थी।साथियों, पुणे और दीव ने जो कर दिखाया है, ऐसे प्रयास देशभर में कई और जगहों पर भी हो रहे हैं। इनसे पता चलता है कि पर्यावरण और प्रकृति को लेकर हम भारतीय कितने संवेदनशील हैं और हमारा देश किस तरह भविष्य की पीढ़ी के लिए बहुत जागृत है।

काशी-तमिल संगमम के दौरान, काशी और तमिल क्षेत्र के बीच सदियों से चले आ रहे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को Celebrate किया गया ।एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना हमारे देश को मजबूती देती है।हम जब एक-दूसरे के बारे में जानते हैं, सीखते हैं तो एकता की ये भावना और प्रगाढ़ होती है। Unity की इसी Spirit के साथ अगले महीने गुजरात के विभिन्न हिस्सों में ‘सौराष्ट्र-तमिल संगमम’ होने जा रहा है। सौराष्ट्र-तमिल संगमम’ 17 से 30 अप्रैल तक चलेगा।

‘मन की बात’ कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे प्रसारित होता है। इस कार्यक्रम के जरिए पीएम मोदी देशवासियों से संवाद करते हैं। ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत तीन अक्टूबर 2014 को विजयादशमी के दिन हुई थी। पिछली बार 26 फरवरी को कार्यक्रम के 98वें एपिसोड को पीएम मोदी ने संबोधित किया था। कार्यक्रम का प्रसारम ऑल इंडिया रेडिया पर किया जाता है।

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