नरसंहार: सेना की वर्दी पहने हमलावरों ने 60 लोगों को उतारा मौत के घाट

डकार। उत्तरी बुर्किना फासो में सेना की वर्दी पहने लोगों ने कम से कम 60 लोगों की हत्या कर दी। रविवार को एक बयान में बुर्किना फासो के अभियोजक लामिने त्रोरे ने कहा कि ये हत्याएं यतेंगा प्रांत के बरगा इलाके में हुईं।

अभियोजक लामिने त्रोरे ने कहा कि घायलों को अस्पतालों में ले जाया गया हैं और साथ ही घटना की जांच शुरू कर दी गई है। त्रोरे ने कहा कि “मेरे कार्यालय को कुछ तथ्यों की गंभीरता के बारे में सतर्क किया गया था। इसलिए मैंने जांच इकाई को उक्त तथ्यों पर प्रकाश डालने और इसमें शामिल सभी लोगों की जांच करने के निर्देश दिए हैं।

अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े जिहादी लड़ाकों ने बुर्किना फासो में सात साल से हिंसक विद्रोह छेड़ रखा है। हिंसा में हजारों लोगों की जान जा चुकी हैं जबकि 20 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। इन समूहों ने शांतिपूर्ण देश को अस्थिर और विभाजित कर दिया है, जिससे कारण पिछले साल दो तख्तापलट हुए। सितंबर में हुए दूसरे तख्तापलट के दौरान कैप्टन इब्राहिम त्रोरे ने सत्ता पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद नागरिकों की हत्याएं बढ़ गई हैं।

बुर्किना फासो की सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि वह अपने सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों के हनन के आरोपों की जांच शुरू कर रही है क्योंकि बुर्किना फासो के सुरक्षा बलों ने औआहिगौया शहर के बाहर एक सैन्य अड्डे में बच्चों को मार डाला था। जिसके बाद जिहादियों ने हमले तेज कर दिए हैं।

ग्लोबल रिस्क इंटेलिजेंस फर्म वेरिस्क मैपलक्रॉफ्ट के वरिष्ठ विश्लेषक मुकाहिद दुरमाज ने कहा, “जनता जनता को यह समझाने के लिए संघर्ष कर रही है कि वह सुरक्षा में सुधार के अपने मुख्य वादे को बरकरार रखेगी।” उन्होंने कहा, “जुंटा की आतंकवाद विरोधी रणनीति ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-अनुशासित स्वयंसेवी मिलिशिया समूहों और आदेश की ढीली श्रृंखला के कारण असाधारण नागरिक हत्याओं की एक श्रृंखला को ट्रिगर करती है।

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