नई दिल्लीः जल्द ही 10 शहरों की किस्मत बदलने वाली है. केंद्र सरकार ने इन शहरों की किस्मत बदलने के लिए डेवपलमेंट का खास प्लान तैयार किया है. जी हां, केंद्र सरकार के इस प्लान से इन शहरों के पर्यटन को नकेवल बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर का पैदा हो सकेंगे. इतना ही नहीं, इन शहरों के कारोबार को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया जा सकेगा. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार इस योजना को सात राज्यों के इन दस शहरों में साल के अंत तक अमलीजामा पहना दिया जाएगा.
दरअसल, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सात राज्यों के दस शहरों से फ्लाइट ऑपरेशन शुरू करने का फैसला किया है. इन शहरों पर ज्यादातर शहर वे हैं, जहां पर एयरपोर्ट या एयरबेस तो हैं, लेकिन वहां से कॉमर्शियल फ्लाइट का ऑपरेशन नहीं होता है.
इन शहरों में अंडमान और निकोबार का कार निकोबार, शिबपुर, कैंपबेल बे शामिल है. इसके अलावा, बिहार के पूर्णिया, झारखंड के बोकारो, महाराष्ट्र के रत्नागिरी, ओडिशा के रंगीलुंडा, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और तमिलनाडु के नेयवेली व वेल्लोर से भी फ्लाइट ऑपरेशन शुरू करने की तैयारी है.
आपको बता दें कि हाल ही में सरकार ने उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के नए और बेहतर वर्जन की घोषणा की है. इसके तहत अगले 10 सालों में 120 नए शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ने की तैयारी है. संभावना जताई जा रही है कि इन नए रूट के जरिए 4 करोड़ नए पैसेंजर को एविएशन सेक्टर से जोड़ा जा सकेगा.
उल्लेखनीय है कि 21 अक्टूबर 2016 को केंद्र सरकार ने आरसीएस-उड़ान योजना शुरू की थी. जिसका मकसद हवाई यात्रा को सस्ता, सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल बनाकर हर भारतीय तक पहुंचाना है. इसी योजना के तहत, देश के सभी प्रमुख शहरों में एयर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की कवायद जारी है.
उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, आरसीएस-उड़ान योजना के तहत अब तक 637 हवाई मार्ग शुरू किए जा चुके हैं. इनके जरिए 92 ऐसे एयरपोर्ट को जोड़ा गया है, जो पहले कभी एयर सर्विस से नहीं जुड़े थे. इनमें 15 हेलीपोर्ट और 2 वॉटर एयरोड्रोम भी शामिल हैं.
15 जुलाई 2025 तक इस योजना के तहत 3.14 लाख से ज्यादा फ्लाइट ऑपरेट की गईं, जिनमें 153.59 लाख पैसेंजर्स ने सफर किया है. मंत्रालय के अनुसार, नए एयरपोर्ट्स, हेलीपोर्ट्स और वॉटर एयरोड्रोम को डेवलप करने का काम लगातार चल रहा है.