मोदी सरकार ने दी 65,000 मीट्रिक टन यूरिया देने की मंजूरी

कोलंबो। श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक हालात हर रोज बिगड़ते जा रहे हैं। देश में फैली महंगाई के कारण लोगों में काफी रोष है। वहीं श्रीलंका के इस विनाशकारी आर्थिक संकट के बीच भारत ने एक बार फिर समर्थन का हाथ आगे बढ़ाया है।

केंद्र सरकार ने द्वीप राष्ट्र को 65,000 मीट्रिक टन यूरिया ( Urea fertilizer Support to Sri Lanka) की आपूर्ति करने का फैसला किया है। यह फैसला भारत में श्रीलंकाई उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा और भारत के उर्वरक विभाग के सचिव राजेश कुमार चतुर्वेदी की बैठक के बाद आया है, जहां इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी।

डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में मोरागोडा और कुमार चतुर्वेदी दोनों ने संभावित तरीकों और उपायों पर चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत से श्रीलंका को रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति मौजूदा क्रेडिट लाइन के तहत की जाए। इसके अलावा, भारत से यूरिया उर्वरक के निर्यात प्रतिबंध के बावजूद भारत सरकार ने श्रीलंका सरकार के अनुरोध पर मौजूदा 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की भारतीय लाइन के तहत संकटग्रस्त द्वीप देश को यह सहायता दी है।

इससे पहले, श्रीलंका सरकार ने जैविक कृषि की ओर बढ़ने की अपनी योजना के तहत पिछले वर्ष रासायनिक उर्वरकों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, जैविक उर्वरकों की अपर्याप्त आपूर्ति के साथ अचानक आर्थिक संकट आने से वहां के कृषि उत्पादन को काफी नुकसान हुआ है जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। विशेष रूप से यही कारण था कि श्रीलंका सरकार ने कई प्रमुख फसलों पर प्रतिबंध को रद्द कर दिया।

इसके अलावा, भारत ने वर्ष की शुरुआत से श्रीलंका को क्रेडिट लाइन के तहत 300 करोड़ से अधिक प्रदान करने का वादा किया है। भारत ने भी श्रीलंका की नई सरकार के साथ काम करने की इच्छा जताई है।

इस बीच, राजनीतिक उठापटक के बीच रानिल विक्रमसिंघे को रिकार्ड छठे कार्यकाल के लिए श्रीलंका का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने श्रीलंका के लोगों को अपना आश्वासन दिया है कि वह द्वीप देश को पेट्रोल, डीजल और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।

वर्तमान में, श्रीलंका आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। वहां भोजन और ईंधन की कमी, बढ़ती कीमतों और बिजली कटौती के कारण हर रोज हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं।

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