मोदी सरकार का तोहफा

केंद्र ने पेट्रोल पर 5, डीजल पर 10 रु. घटाए, NDA शासित 9 राज्यों ने भी वैट कम किया
नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार कई दिन की बढ़ोतरी से त्रस्त जनता को केंद्र सरकार ने अचानक दिवाली गिफ्ट दे दिया। दिवाली से एक दिन पहले सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए एक्साइज ड्यूटी कम करने का ऐलान किया। केंद्र की ओर से कीमतों में कमी के बाद नई कीमतें आज से लागू हो गई हैं। हालांकि, राज्यों की वैट कटौती अभी नजर नहीं आ रही है। यह कब से लागू होगी स्पष्ट नहीं है।

केंद्र सरकार ने राज्यों से भी वैट कम करने की अपील की। इसके बाद असम ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में 7-7 रुपए प्रति लीटर की कटौती की है। केंद्र की अपील का असर भाजपा की अगुआई वाले NDA शासित बाकी राज्यों पर दिखा और देर रात तक 9 राज्यों ने वैट की दरों में कटौती की घोषणा कर दी। इनमें उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तराखंड, गोवा कर्नाटक, असम, मणिपुर और त्रिपुरा शामिल हैं।

हिमाचल ने भी वैट कम करने का आश्वासन दिया है, लेकिन कितना कम होगा यह स्पष्ट नहीं किया। इस कटौती के बाद केंद्र को बचे हुए वित्त वर्ष में करीब 43 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा।केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने देर रात तक वैट दर में कटौती की घोषणा नहीं की थी। लेकिन इसके बावजूद राज्य में पेट्रोल पर 6.50 रुपए और डीजल पर करीब 12.50 रुपए की कमी आएगी।

मध्यप्रदेश पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि बेस प्राइस कम होने से इसका असर पड़ता है। सभी शहरों में वर्तमान में जो दाम हैं, उसके दाम इतने ही कम हो जाएंगे। उदाहरण के लिए भोपाल में वर्तमान में पेट्रोल के दाम 118.83 रुपए है। कम होने के बाद दाम 112.33 रह जाएगा। वहीं डीजल की कीमत 107.90 रुपए है। कम होने के बाद 95.40 रुपए रह जाएगा

इसी तरह, बेस प्राइस के चलते दिल्ली में 6.07 रुपए प्रति लीटर और डीजल में 11.16 रुपए प्रति लीटर की कमी दामों में आएगी। बेस प्राइस इफेक्ट का सबसे बड़ा असर राजस्थान और महाराष्ट्र में दिखेगा, जहां सबसे ज्यादा वैट वसूला जाता है। इससे इन राज्यों में वैट कटौती नहीं होने पर भी पेट्रोल पंपों पर डीजल और पेट्रोल के दाम में भारी कटौती होगी।

केंद्र सरकार ने पिछले साल कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन से अपनी कमाई घटने पर इसकी पूर्ति पेट्रोल-डीजल से करने की कोशिश की थी। इसके लिए दुनिया में पेट्रोल-डीजल बेहद सस्ता होने के बावजूद मार्च से मई-2020 के बीच केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 13 रुपए और डीजल पर 16 रुपए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी।

इससे पेट्रोल पर एक्साइज करीब 65% बढ़कर 19.98 रुपए से 32.98 रुपए हो गया था, जबकि डीजल करीब 79% बढ़कर 15.83 रुपए से 28.35 रुपए प्रति लीटर हो गया था। इसकी बदौलत केंद्र सरकार ने इस साल अप्रैल से सितंबर तक पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी से 1.71 लाख करोड़ रुपए कमाए, जो कोविडकाल से पहले इन्हीं महीनों की कमाई से 70% ज्यादा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अप्रैल से अक्टूबर तक पेट्रोल-डीजल की खपत के डेटा के आधार पर अनुमान है कि केंद्र सरकार को एक्साइज कटौती से हर महीने 8,700 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। इंडस्ट्री सोर्स के मुताबिक, इस फाइनेंशियल ईयर के बाकी महीनों में यह नुकसान करीब 43,500 करोड़ रुपए का बैठेगा।

आज छोटी दिवाली के दिन आम लोगों को राहत मिली है। हफ्ते के तीसरे दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई है। डीजल कई शहरों में 110 रुपए के पार और पेट्रोल 121 के पार पहुंच चुका है। दिल्ली में पेट्रोल 110 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच गया है। वहीं, डीजल 98.42 रुपए प्रति लीटर पर बिक रहा है। आखिरी बार 5 सितंबर को दाम कम किए गए थे, तब देश के कई शहरों में पेट्रोल-डीजल 15 पैसे तक सस्ता हुआ था।

बीते सितंबर महीने की 28 तारीख को पेट्रोल जहां 20 पैसे महंगा हुआ था, वहीं डीजल भी 25 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ था। दरअसल, सितंबर के अंतिम दिनों से जो पेट्रोल की कीमतें बढ़नी शुरू हुईं, वह मंगलवार तक जारी रहीं। पेट्रोल की कीमतों में देखें तो 28 दिनों में ही यह 8.85 रुपए प्रति लीटर महंगा हो चुका है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी से देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं।पेट्रोल-डीजल पर राज्य सरकारें 20 से 35% तक वैट वसूलती हैं। केंद्र के मुताबिक डीजल की कीमतें घटने से किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि जल्द ही रबी फसल की बुआई होने वाली है।

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