ओवैसी की चुनावी सभा में मोदी-मोदी के नारे

सूरत: गुजरात विधानसभा चुनाव के चलते AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी राज्य के दौरे पर हैं। रविवार को सूरत के रुदरपुरा खाड़ी इलाके में जब वह चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे, तभी वहां मौजूद कुछ मुस्लिम युवकों ने उनका विरोध किया। साथ ही उन्हें काले झंडे दिखाए। इसके अलावा ‘मोदी, मोदी’ के नारे भी लगाए गए। इसका वीडियो भी सामने आया है।

क्लिप में दिख रहा है कि ओवैसी मंच पर हैं और जनसभा को संबोधित कर रहे हैं, तभी वहां मौजूद कुछ लोग मोदी-मोदी के नारे लगाने लगते हैं। कुछ लोग उन्हें चुप करवाते हैं। इस दौरान भीड़ में खड़े युवक ओवैसी को काले झंडे दिखाने लगते हैं। साथ ही AIMIM चीफ के विरोध में ‘ओवैसी वापस जाओ’ के नारे लगाने लगते हैं।

गुजरात चुनाव को लेकर जहां BJP, कांग्रेस और AAP जी जान से जुटी हुई है। वहीं, AIMIM भी पूरी ताकत झोंके हुए हैं। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी गुजरात में चुनाव को लेकर सक्रिय हैं और ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। उनका पूरा फोकस अल्पसंख्यक वोटों की ओर है।

हाल ही में ओवैसी ने कांग्रेस के गुजरात चुनाव को लेकर जारी घोषणा पत्र पर तंज कसा था। उन्होंने कहा- जो पार्टी 27 साल में चुनाव नहीं जीत पाई, वह पार्टी के अहम मुद्दों पर बात करने की बजाय स्टेडियम का नाम बदलने की बात कर रही है। बता दें ​कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र में नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलकर सरदार पटेल स्टेडियम रखने का वादा किया है।

गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए दो फेज में वोट डाले जाएंगे। 1 दिसंबर को 89 सीटों पर और 5 दिसंबर को 93 सीटों पर वोटिंग होगी। नतीजे 8 दिसंबर को यानी हिमाचल विधानसभा चुनाव के साथ ही आएंगे। राज्य में इस बार 4.6 लाख लोग पहली बार वोट करेंगे। गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी, 2023 को खत्म हो रहा है।

भारत जोड़ो यात्रा में कन्याकुमारी से कश्मीर निकले राहुल गांधी, लेकिन गुजरात को छोड़ दिया।
भारत जोड़ो यात्रा में कन्याकुमारी से कश्मीर निकले राहुल गांधी, लेकिन गुजरात को छोड़ दिया।
गुजरात में चुनावी ढोल बजे उससे पहले ही PM नरेंद्र मोदी जनसभा रैली कर लौट गए। अभी तक राहुल गांधी ने यहां चुनाव से संबंधी सभा या रोड शो नहीं किया है।

इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) भी प्रचार कर रही है। पार्टी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस का कुछ और ही प्लान है। गुजरात चुनाव में लड़ाई मोदी और राहुल के बीच होती है, जिसमें भाजपा को फायदा होता है। इस स्थिति से बचने राहुल को गुजरात से अलग रखा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

वैसे तो बीजेपी हमेशा यही दावा करती है कि पार्टी में भाई-भतीजावाद की कोई जगह नहीं है, लेकिन असल में ऐसा है नहीं। अगर गुजरात के विधानसभा चुनावों के लिए BJP की ओर से जारी की गई 160 कैंडिडेट्स की लिस्ट ही देख लें पता चलता है कि इनमें 12 उम्मीदवार पूर्व और वर्तमान में भाजपा नेताओं के रिश्तेदार हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *