मोहिनी एकादशी: राजयोग के समान फल देने वाला संयोग

नई दिल्ली:वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। इस साल यह एकादशी बेहद शुभ योग में पड़ रही है। इस बार एकादशी गुरुवार को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होता है।

इसके अलावा गुरुवार का दिन भी भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है। ऐसे में गुरुवार के दिन एकादशी पड़ने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन एकादशी होना और भी पुण्यकारी व शुभफलदायी मानी जा रही है।

12 मई यानी गुरुवार को एकादशी के मौके पर फाल्गुनी नक्षत्र और हर्षण योग का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष में हर्षण योग को सर्वकार्य सिद्धि योग के समान बताया गया है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हर हाल में मिलती है।

मोहिनी एकादशी पर दो ग्रह स्वराशि में विराजमान रहेंगे। पहले शनिदेव अपनी स्वराशि कुंभ और दूसरे देवगुरु बृहस्पति अपनी स्वराशि मीन में मौजूद रहेंगे। ग्रहों के इस संयोग को बेहद शुभ माना जा रहा है। ग्रहों के ऐसे संयोग को राजयोग के समान फल देने वाला माना गया है। जानकारों के अनुसार, ग्रहों की स्थिति मोहिनी एकादशी के दिन मुख्य रूप से तुला, कुंभ, मकर और मीन राशि वालों के लिए लाभकारी रहेगी।

मोहिनी एकादशी के दिन व्रत करें और तुलसी के पौधे के समक्ष घी का दीपक जलाएं। इसके अलावा तुलसी के पौधे की कम से कम 11 बार परिक्रमा करें। इस दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करनी चाहिए और गरीबों को फल, वस्त्र व अन्न का दान करना चाहिए। भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना चाहिए।.पूजा करने के बाद एकांत में बैठकर श्रीमद्भागवत का पाठ करना चाहिए।

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