देश में मानसून की दस्तक!

नई दिल्लीः देश में मानसून अगले 24 घंटों में दस्तक देने वाला है. पिछले 4 दिनों से 40 से 50 किलोमीटर दूर रुका मानसून शुक्रवार (23 मई, 2025) को आगे की ओर बढ़ा. इस साल केरल में मानसून की दस्तक पिछले 16 सालों में सबसे जल्दी होने वाली है. ये तय समय से एक हफ्ते पहले ही आने वाला है.

राज्य में मानसून के आगमन के लिए सभी अनुकूल परिस्थितियां बन चुकी हैं और निम्न दबाव वाले क्षेत्र के साथ-साथ आगे बढ़ती मानसून प्रणाली की वजह से पिछले दो दिनों में केरल के कई हिस्सों में भारी बारिश भी हुई है. पिछली बार राज्य में मानसून इतनी जल्दी 2009 और 2001 में पहुंचा था. उस समय 23 मई को ये केरल पहुंचा था.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार (24 मई, 2025) को दक्षिणी राज्यों केरल, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के साथ-साथ कोंकण और गोवा में अलग-अलग जगहों पर बहुत ही भारी बारिश होने की भविष्यवाणी की है.

केरल और तटीय कर्नाटक में 29 मई तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है, साथ ही 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलेंगी. मौसम विभाग ने कहा कि अगले पांच दिनों में तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ेंगे.

इसके अलावा मौसम विभाग ने शुक्रवार दोपहर को महाराष्ट्र के तटीय जिलों में भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए रेड अलर्ट जारी किया. मौसम रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में गरज के साथ बारिश हो सकती है, बिजली चमक सकती है, हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है और अलग-अलग क्षेत्रों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं चल सकती हैं.

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने गोवा के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें रविवार तक भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है. राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर लोगों से नदियों और झरनों से दूर रहने का आग्रह किया है. तटीय राज्य के कई हिस्सों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हुई.

इस बीच, शुक्रवार सुबह 5:40 बजे जारी आईएमडी अपडेट के मुताबिक, अगले दो घंटों में दक्षिण दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने की संभावना है. दिल्ली-एनसीआर के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है, जिसमें 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है.

केरल में मानसून के आने की सामान्य तारीख 1 जून है. हालांकि, 1918 में ये 11 मई को सबसे पहले पहुंचा था. दूसरी ओर, 1972 में सबसे देरी से मानसून की बारिश 18 जून को शुरू हुई थी. पिछले 25 सालों में सबसे ज्यादा देरी से मानसून की एंट्री 2016 में हुई, जब उसने 9 जून को केरल पहुंचा.

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