भूकंप के बाद ढाई करोड़ से ज्यादा बीमार

अंकारा:  निशुल्क चिकित्सकीय सहायता देने वाली संस्था मेडिसिन सांस फ्रंटियर्स (एमएसएफ) के 14 ट्रकों के काफिले को सीरिया के भूकंप प्रभावित उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में प्रवेश मिल गया है। इस क्षेत्र में छह फरवरी विनाशकारी भूकंप के झटके लगे थे और उससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ था। विद्रोहियों के कब्जे वाले इस क्षेत्र में बाहर से बचाव और राहत दलों को नहीं जाने दिया जा रहा था। अपने काफिले के प्रभावित क्षेत्र में प्रवेश की सूचना एमएसएफ ने दी है।

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है तुर्किये और सीरिया में 2.6 करोड़ लोगों को विभिन्न तरह की चिकित्सा की जरूरत है। इस पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने सीरिया के भूकंप प्रभावित क्षेत्र में भुखमरी और महामारी फैलने का अंदेशा जताया था। बाहरी मदद न पहुंचने से क्षेत्र में बड़ी संख्या में लाशें मलबे में दबी हुई हैं और बेघर हुए लोगों के खाने व चिकित्सा की कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में वहां पर त्रासदी की आशंका पैदा हो गई है।

डब्ल्यूएफपी की चेतावनी के बाद एमएसएफ के चिकित्सा दल को विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में जाने की अनुमति मिली है। दल में गए चिकित्सक इलाज के साथ दवा देंगे, जरूरत पड़ने पर आपरेशन भी करेंगे। डब्ल्यूएफपी के निदेशक डेविड बैस्ली ने कहा है कि सीरिया और तुर्किये की सरकारें पूरा सहयोग कर रही हैं। स्थिति में सुधार के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।

भूकंप आने के 12 दिन बाद तक मलबे से लोगों के जिंदा निकलने के मामले सामने आने के बावजूद रविवार को तुर्किये सरकार ने बचाव अभियान पूरा होने की घोषणा कर दी। अब मलबे को हटाने और उनके स्थान पर भवनों के पुनर्निर्माण का कार्य होगा। आशंका है कि अभी भी बहुत सारे लोग मलबे में दबे हुए हैं। आशंका है कि भूकंप के दो सप्ताह बाद इनमें से ज्यादातर लोगों की मौत हो चुकी है।

लेकिन कुछ परिवारों ने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी हैं। वे प्रतिदिन मलबे में तब्दील हुई इमारतों के करीब जा रहे हैं, मलबा हटाने की कोशिश कर रहे हैं और बीच-बीच में तेज आवाज में लापता लोगों के नाम पुकार रहे हैं। इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ¨ब्लकन तुर्किये पहुंच गए हैं और वहां की सरकार से वार्ता कर सहायता की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं।

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