तिरुवनंतपुरम: यह कहानी किसी बॉलिवुड फिल्म की तरह है। एयरपोर्ट पर हुए एक झगड़े और उसके बाद इस घटना के पोस्ट ने मां-बेटे को 17 साल बाद मिला दिया। बेटा जो 17 साल पहले नौकरी की तलाश में ब्रिटेन के लिए निकला था, लापता हो गया था। कई साल तक मां बेटे को ढूंढती रही, तमाम कोशिशें कीं लेकिन बेटे का कुछ पता नहीं चला।
नई दिल्ली में एक सोशल वर्कर और पेशे से वकील दीपा जोसफ के हस्तक्षेप के बाद जब 17 साल बाद बेटा उनकी आंखों के सामने आया तो उनकी खुशी के आंसू नहीं रुके। तिरुवनंतपुरम के नगरूर के रहने वाला 37 वर्षीय एक शख्स लंदन में भारतीय उच्चायोग के जारी आपातकालीन प्रमाणपत्र पर 6 जुलाई को दिल्ली पहुंचा। 10 जुलाई को वकील दीपा जोसेफ भी अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल पर थीं।
दीपा ने दिखा कि वहां कैफेटेरिया में झगड़ा हो रहा है। कर्मचारियों के साथ शख्स का विवाद बढ़ने लगा। शख्स पर आरोप था कि उसने कैफेटेरिया के डिस्प्ले में रखा गया खाना चुरा लिया। दीपा ने विवाद में हस्तक्षेप किया और कैफेटेरिया वालों को खाने का भुगतान किया।
दीपा ने बताया कि उन्होंने उस शख्स से बात की। उन्होंने बताया, ‘जब मुझे पता चला कि वह आपातकालीन पासपोर्ट पर भारत पहुंचे हैं तो मैंने उनका विवरण मांगा। वह केरल में अपने परिवार के बारे में स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। वह परेशान लग रहा था। उसके पास केवल दो डॉलर और बिना सिम कार्ड वाला एक पुराना मोबाइल फोन था। चूंकि मेरा कार्यक्रम पहले से तय था, इसलिए मैं उनकी मदद के लिए वहां रुक नहीं सकी।’
दीपा ने शख्स की तस्वीरें अपने फेसबुक पेज पर इस उम्मीद से पोस्ट कीं कि उसकी पहचान हो जाएगी। उसी शाम, एक व्यक्ति ने अपना पता और पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी का कॉन्टैक्ट नंबर शेयर किया। दीपा ने उस नंबर पर पुलिस से संपर्क किया तो पता चला कि शख्स की मां पुलिस स्टेशन पर पहले से मौजूद थीं।
महिला ने दीपा से बात की। उन्होंने बताया कि फोटो में दिख रहा व्यक्ति उनका बेटा है, जो 17 साल पहले यूके चला गया था और अपने परिवार से उसका संपर्क टूट गया था। दीपा दिल्ली में उस सख्स को ढूंढने निकल पड़ीं। इधर केरल से सख्स की मां भी दिल्ली पहुंच चुकी थीं।
आखिर प्रयास सफल हुआ और दीपा ने मां-बेटे को मिला दिया। उसकी मां ने बताया, ’17 साल पहले मेरा बेटा यूके गया था, लेकिन उसने मुझे वहां नौकरी के बारे में कभी नहीं बताया। वह कभी कभार ही फोन करता था। मुझे लगा कि मैंने उसे हमेशा के लिए खो दिया।’