शहतूत है औषधीय गुणों का खजाना

नई दिल्ली:  गर्मी के मौसम में पाया जाने वाला यह फल अपने शीतल गुणों के लिए जाना जाता है। शहतूत का उपयोग बुखार, अपच और गले में खराश जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। वहीं शाहतूत की पत्तियों में भी काफी गुण छिपे हैं, जिसका इस्तेमाल त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा शहतूत से आप जैम और चटनी जैसे कई डिशेज भी बना सकते हैं।

शहतूत एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है। एंटीऑक्सिडेंट शरीर को फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं, क्योंकि इनसे कैंसर, हृदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियां होने का खतरा रहता है।शहतूत पाचन तंत्र के लिए अच्छा माना जाता है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, साथ ही पेट की बीमारियों को शांत करके पाचन में सुधार कर सकता है।

कहा जाता है कि शहतूत में एंटी-एजिंग गुण होते हैं। इसे खाने से त्वचा की झुर्रियों और उम्र बढ़ने के अन्य लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।शहतूत का सेवन आंखों के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है, इसे खाने से आंखों की रोशनी में सुधार होती है, साथ ही आंखों को खराब होने से बचाने में भी मदद मिलती है।

शहतूत को एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों के लिए भी जाना जाता है। यह संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है और अक्सर इसका उपयोग एक्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा की स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है। यह कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे कोलन कैंसर के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है।

शोध के अनुसार, शहतूत अपने मधुमेह विरोधी गुणों के लिए जाना जाता है। सफेद शहतूत आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। शोध के अनुसार, सफेद शहतूत में पाए जाने वाले कुछ यौगिक, उन दवाओं के समान हैं जिनका उपयोग टाइप 2 मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है।

शहतूत पक्षियों और अन्य जानवरों के भोजन का भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह फल विटामिन सी, विटामिन बी6, आयरन, कैल्शियम, जिंक और अन्य आवश्यक खनिजों से भरपूर है। इसका पेड़ मधुमक्खियों के लिए अमृत का भी स्रोत है। साथ में इसकी पत्तियां रेशम के कीड़ों के लिए भी भोजन का स्रोत हैं।

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