देहरादून। प्रदेश सरकार अब सभी राजस्व क्षेत्रों को नागरिक पुलिस के दायरे में लाने की तैयारी में है। इस कड़ी में अब शेष राजस्व गांवों को पुलिस के दायरे में लाने के लिए नौ थाने और 44 पुलिस चौकियां खोली जानी प्रस्तावित की गई है।
साथ ही पूर्व में खोले गए थाने व चौकियों के क्षेत्र का विस्तार करने की कसरत चल रही है। नए थाने व चौकियों के गठन को तकरीबन 650 नए पदों का सृजन किया जाएगा। इससे युवाओं को सरकारी सेवाओं में आने का मौका भी मिल सकेगा।
आजादी के पूर्व से ही चली आ रही पटवारी अथवा राजस्व पुलिस व्यवस्था को प्रदेश में समाप्त करने की दिशा में धीरे-धीरे कदम बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्णय के क्रम में प्रदेश के सभी राजस्व क्षेत्रों को नागरिक पुलिस के दायरे में लिया जाना है।
इसके लिए सरकार ने चरणबद्ध तरीके से राजस्व क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले गांवों को नागरिक पुलिस के दायरे में लेने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में राजस्व क्षेत्रों के 1200 से अधिक गांवों को नागरिक पुलिस के दायरे में लिया जा चुका है।इसके लिए इन क्षेत्रों में छह थानों व 21 चौकियों का गठन किया गया। अब दूसरे चरण में शेष तकरीबन 4200 गांवों को नागरिक पुलिस के दायरे में लिया जाना है। इसकी कार्ययोजना तैयार हो चुकी है।
दरअसल, शासन को राजस्व क्षेत्रों में नागरिक पुलिस की तैनाती के संबंध में हाईकोर्ट को भी अवगत कराना है। इस कारण अब इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।इसके लिए पुलिस मुख्यालय से शासन को नौ चौकियां और 44 थाने खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है। शासन ने इस पर अब राजस्व विभाग व वित्त विभाग का परामर्श मांगा है। चूंकि, नए थाने व चौकियों के गठन से वित्तीय भार आना है।
ऐसे में वित्त विभाग इसका विस्तृत परीक्षण करने के बाद अपना मत गृह विभाग को देगा। इसके बाद इस विषय को कैबिनेट में लाया जाएगा। सचिव गृह शैलेश बगौली ने कहा कि इस विषय पर कार्यवाही जारी है।