न नाम, न पहचान, 10 टुकड़ों में मिला शव

नई दिल्ली : अंजन दास की हत्या की गुत्थी कैसे सुलझी? टुकड़े-टुकड़े में शव… न पहचान, न नाम, न कोई सुराग। ना कोई गुमशुदगी। ना तो गुनहगार ने कोई सबूत छोड़ा। बस, सीसीटीवी ने धुंधला-सा सुराग दिया।

जी हां, पांडव नगर में अब से लगभग छह महीने पहले पॉलिथिन बैग में मिले शव के टुकड़ों को जोड़कर केस को सुलझाना मुमकिन नहीं था, अगर अंजन दास के लापता होने की भनक लोकल छानबीन में लगती।

क्राइम ब्रांच का दावा है कि दोनों आरोपियों ने जब अपना गुनाह कबूल कर लिया, तभी वे गिरफ्तार किए गए। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में भी दोनों रात को शव के टुकड़े ठिकाने लगाते समय नजर आए। इनके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं।

हालांकि, अंजन की लाश के मिले टुकड़ों का बिहार में रह रहे उसके परिवार के सदस्यों से डीएनए मैच करवाया जाएगा, ताकि पुष्टि हो सके कि जो लाश के टुकड़े पुलिस ने बरामद किए, वो अंजन के ही थे।

क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविन्द्र यादव के मुताबिक, इस साल 5 जून को पांडव नगर थाने को रामलीला ग्राउंड में शव के टुकड़े पड़े होने की सूचना मिली। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सफेद रंग की दो पॉलिथीन बैग बरामद की। उन्हें खोला गया जिसमें एक में पैर के घुटने से नीचे का हिस्सा और दूसरे में जांघ जैसा पार्ट मिला।

मौके पर क्राइम और एफएसएल की टीम को बुलाकर जांच करवाई गई। उसके बाद कई दिन तक रामलीला ग्राउंड और जंगल में लाश के टुकड़े मिलने का सिलसिला जारी रहा। पांडव नगर थाने में हत्या और सबूत मिटाने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस को एक सिर प्लास्टिक बैग से बरामद हुआ। उससे भी शिनाख्त नहीं हो सकती थी।

इस ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाने के काम में क्राइम ब्रांच को लगाया गया। डीसीपी अमित गोयल की देखरेख में इंस्पेक्टर राकेश कुमार और टीम को मेडिकल एक्सपर्ट ने बताया कि ये बॉडी पार्ट किसी पुरुष के हैं। इसके बाद मौके के आसपास सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली गई।

31 मई और 1 जून की रात एक महिला और युवक प्लास्टिक बैग के साथ रामलीला मैदान की ओर जाते नजर आ गए। 1 जून को दिन में भी इसी महिला को स्पॉट के आसपास देखा गया था। पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर में लापता हुए लोगों के रिकॉर्ड को खंगाला। लेकिन कहीं कोई न गुमशुदगी या सुराग नहीं मिला।

टीम को लोकल छानबीन में पता चला कि 5-6 महीने से अंजन दास नाम का शख्स लापता है। वह दिखाई नहीं देता। न तो परिजनों ने उसकी कोई गुमशुदगी दर्ज कराई। ना ही उसे ढूंढने की कोशिश में लगे हैं। यह पता चलते ही पुलिस को सीसीटीवी के बाद पहली लीड मिली।

टीम अंजन के त्रिलोकपुरी वाले पते पर पहुंच गई, जहां पूनम रहती है। पुलिस ने पूनम और उसके बेटे से पूछताछ की। दोनों के बयानों में विरोधाभास मिला। उनकी भूमिका संदिग्ध थी, इसलिए सख्ती से पूछताछ की गई तो इस हत्याकांड का राजफाश हो गया।

क्राइम ब्रांच के मुताबिक, आरोपी दीपक पांचवीं तक ही पढ़ा है। वह कल्याणपुरी इलाके में पत्नी और एक बच्चे के साथ किराए के घर में रह रहा है। दीपक शादी समारोह में वेटर का काम करता है। दरअसल, इस साजिश की नींव 30 मई को रखी गई।

दोनों मां-बेटे हाउस नंबर 4/189, पहली मंजिल, ब्लॉक चार, त्रिलोकपुरी में मौजूद थे। मौका देख अंजन की शराब में नशे की गोलियां मिला दीं, जिसे पीने के बाद वह बेहोशी की हालत में था।

दीपक ने पहले से ही बड़े चाकू का इंतजाम कर रखा था। इस चाकू से उसने अपने सौतेले पिता अंजन का गला रेत दिया। सीने और पेट पर भी वारकर उसकी हत्या कर दी। फिर शव को एक कमरे के अंदर रखा। अगले दिन सुबह तक लाश के खून को सुखाने का इंतजार किया। फिर लाश के दस टुकड़े कर दिए।

बॉडी पार्ट्स से बदबू ना आए, इसलिए उन्हें प्लास्टिक बैग में भरकर फ्रीज में रख दिया। बाद में सबूत मिटाने के लिए कमरे को भी साफ कर दिया। इसके बाद मां-बेटे को जैसे-जैसे मौका मिलता गया, वे लाश के टुकड़ों को रामलीला ग्राउंड और उसके आसपास फेंकने लगे।

इन्होंने मृतक की पहचान छिपाने के लिए उसकी खोपड़ी को जमीन में गाढ़ दिया था। सब कुछ प्लानिंग के तहत हो जाने के बाद उन्होंने कमरे को अच्छी तरह से साफ कर दिया। फ्रिज को भी फिनायल और सैनिटाइजर से साफ किया।

अभी तक की जांच में पुलिस फेंके गए टुकड़ों में से छह को बरामद कर चुकी है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद आगे की जांच पांडव नगर थाने की पुलिस करेगी। जिनके हवाले आरोपी मां-बेटे को कर दिया जाएगा।

वारदात में इस्तेमाल किए गए धारदार हथियार दरांती और चाकू को भी बरामद करने की कोशिश की जाएगी। मृतक का मोबाइल फोन और सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में पहने हुए दोनों के कपड़े बरामद किए गए हैं। मृतक अंजन दास आरोपी महिला का तीसरा पति था। जबकि दीपक महिला के दूसरे पति से है।

आरोपियों ने पुलिस को यह भी बताया है कि अंजन की दीपक की पत्नी और तलाकशुदा बहन के ऊपर गंदी नजरें थीं। दावा है कि उसने कई बार दीपक की पत्नी से रेप की कोशिश भी की थी। उसके दूसरी महिलाओं के साथ भी संबंध भी थे। इन्हीं वजहों से परेशान होकर मां-बेटे ने प्लानिंग के साथ इस वारदात को अंजाम दिया था। आरोपी महिला मृतक के साथ साल 2011 से रह रही थी।

क्राइम ब्रांच के सूत्रों का कहना है 25 गज के जिस मकान में हत्या की गई, वह करीब ढाई लाख रुपये में लीज पर लिया गया था। आरोपियों ने इस घर में सफेदी और पेंट भी करवा दिया था। अंजन की हत्या से पहले पूनम ने बहाने से अपनी तलाकशुदा बेटी को दीपक के घर भेज दिया था। कत्ल के बाद दोनों मां-बेटे ने लाश को कमरे में बंद कर दिया और वे दीपक के घर चले गए।

हत्या के बारे में दोनों ने घर में किसी को नहीं बताया था। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास डंप डेटा उठाया था। उनमें कुछ ऐसे मोबाइल नंबर संदिग्ध मिले जो उस दिन बंद हो गए थे। पुलिस ने उन मोबाइल नंबरों को शॉर्टलिस्ट करना शुरू और पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई।

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