अब ब्रेन फॉग का खतरा

पर्थ. कोविड महामारी ने हमारी रोजमर्रा की भाषा में कई वैज्ञानिक और चिकित्सकीय शब्द पेश किए हैं. कई लोग अब वायरल स्ट्रेन, पीसीआर जांच और मृत्यु दर के बारे में बातचीत करने लगे हैं. ‘ब्रेन फॉग’ शब्द भी अब कोविड और इससे जुड़े लक्षणों का वर्णन करने के लिए इस कड़ी में शामिल हो गया है. लेकिन वास्तव में ब्रेन फॉग क्या है, और क्या यह कोविड तक ही सीमित है?,

पीड़ित लोग ब्रेन फॉग के अनुभवों को स्मृति और एकाग्रता में कमी के रूप में वर्णित करते हैं. ब्रेन फॉग किराने के सामान की खरीदारी जैसे सरल कार्यों को भी बहुत कठिन बना सकता है. इसके अलावा इसके चलते पार्किंग में खड़ी कार का पता लगाने में दिक्कत, खरीदारी की वस्तुओं की सूची को याद रखने में मुश्किल, उत्पादों और कीमतों को लेकर ध्यान भटकना तथा अध्ययन सामग्री को लेकर भ्रमित होने जैसी चीजें भी हो सकती हैं.

ब्रेन फॉग समय के अनुरूप काम करना और सामाजिक गतिविधियों को बनाए रखना मुश्किल बना सकता है. ब्रेन फॉग रिश्तों पर भी भारी पड़ सकता है और जिस तरह से हम खुद को व्यक्तिगत एवं पेशेवर रूप से देखते हैं, उसमें बदलाव हो सकता है.

हाल में एक अध्ययन में लंबे वक्त तक कोविड से पीड़ित रहे लोगों से ब्रेन फॉग को लेकर उनके अनुभवों के बारे में पूछा गया. उनका कहना है कि ब्रेन फॉग ने काम पर लौटने की उनकी क्षमता और उनके रिश्तों को प्रभावित किया।

हालांकि ब्रेन फॉग के लक्षण अल्जाइमर रोग के लक्षणों और वृद्धावस्था से जुड़ी अन्य स्थितियों के समान हो सकते हैं, लेकिन ब्रेन फॉग किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है. ब्रेन फॉग आमतौर पर समय के साथ गंभीर नहीं होता और हमेशा के लिए नहीं रह सकता.

ब्रेन फॉग का अनुभव करने वाले लोगों के लिए मुकाबला करने की रणनीति विकसित करना और आराम करने के लिए समय को प्राथमिकता देना लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है. मुकाबला करने की रणनीतियों में दृश्य अनुस्मारक (जैसे कैलेंडर, डिजिटल अलर्ट और टाइमर) का उपयोग करके सूचियां बनाना और जहां संभव हो वहां कार्य कर्तव्यों को बदलना शामिल हो सकता है.

पर्याप्त नींद लेने के अलावा, लोगों को अकसर ब्रेन फॉग से समग्र रूप से उबरने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इसका मतलब है कि उनकी संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति को देखना और व्यायाम तथा स्वस्थ आहार को प्राथमिकता देना.

अगर आप ब्रेन फॉग के बारे में चिंतित हैं, तो आपका जीपी आपको आगे के मूल्यांकन और प्रबंधन के लिए किसी न्यूरोलॉजिस्ट या न्यूरोसाइकोलॉजिस्ट के पास भेज सकता है.

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