ऋण देने में बैंकों का अड़ंगा !

देहरादून: मुख्यमंत्री स्वरोजगार नैनो योजना में सरकार ने रोजगार देने का लक्ष्य बड़ा रखा है, लेकिन ऋण देने में बैंकों का अड़ंगा है। इस योजना में सरकार 2022-23 में 10 हजार लोगों को स्वरोजगार देने का लक्ष्य रखा था। इसके सापेक्ष जनवरी तक मात्र 16.45 आवेदकों को ही ऋण वितरित हुआ है।

कोविड महामारी में लॉकडाउन के चलते लोगों की आजीविका प्रभावित हुई थी। इस देखते हुए सरकार ने 2021 में मुख्यमंत्री स्वरोजगार नैनो योजना शुरू की थी, जिसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के छोटे व्यवसायी व रेहड़ी फड़ लगाने वालों को व्यवसाय के लिए 50 हजार रुपये तक ऋण की सुविधा है।

सरकार ने योजना में 10 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा था, लेकिन जनवरी तक कई बैंकों ने 2,646 आवेदन स्वीकृत किए। 1,645 आवेदनों को ही ऋण वितरित किया है।

नैनो योजना के तहत फल-सब्जी, फास्ट फूड, दर्जी, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, मोबाइल रिपेयर, ब्यूटी पार्लर इंब्रॉयड्री, सिलाई-बुनाई, बुक बाइडिंग, स्क्रीन प्रिंटिंग, पेपर बैग, धूप-अगरबत्ती बनाने, कैंडल बनाने, देसी गाय पालन, मशरूम की खेती, मशीन रिपेयरिंग, कार वाशिंग, बेकरी शॉप समेत गतिविधियों के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

सभी बैंकों को स्वरोजगार योजना में प्राप्त आवेदनों को स्वीकृति देकर ऋण उपलब्ध कराने में तेजी लाने को कहा गया है। नैनो योजना में लक्ष्य के सापेक्ष ऋण वितरण की समीक्षा की जाएगी।

-डॉ. पंकज कुमार पांडेय, सचिव, उद्योग

 

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