धामी सरकार में अधिकारियों की बल्ले बल्ले : नेगी

शराब माफिया व खनन माफिया की पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों की राजनीति में सीधे इंट्री से जनता को हो रहा नुकसान
रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने राज्य के मुख्य सचिव पत्र लिखते हुए कहा कि उत्तराखंड की जनता ने लंबे संघर्षों की बदौलत व कई राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की शहादतो के बाद उत्तराखंड राज्य के निर्माण की लड़ाई जीती थी जिसमें राज्य की जनता ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और यह सपना देखा कि अपना राज्य होगा समस्याओं की सुनवाई होगी मगर जब राज्य की निकम्मी अफसरशाही खाली समय काटने के लिए जनपदों की मुख्य जिम्मेदारियों पर कार्यरत होगी तो ऐसे में सकारात्मक परिणाम आने संभव नहीं है ऐसा ही वाकया जनपद रुद्रप्रयाग में हो रहा है,

श्री नेगी ने कहा कि वह राज्य में तैनात उन अफसरों का मनोबल नहीं गिराना चाहते जो शिद्दत के साथ अपने कार्यों में लगे हुए हैं लेकिन कई अफसर राज्य में सिर्फ कार्यों के नाम पर रस्म अदायगी कर रहे हैं ऐसा ही शासन द्वारा नियुक्त रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी कई लोगों के फोन उठाने को तैयार नहीं है श्री नेगी ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव द्वारा स्वयं कई बार मीडिया के सामने आकर कहा गया कि जिला स्तरीय अधिकारी जनसमस्याओं एवं उनके निस्तारण के लिए जनप्रतिनिधियों सामाजिक कार्यकर्ताओं जनता एवं मीडिया से जुड़े लोगों का फोन उठाएं और समस्याओं का निस्तारण करें ,

मगर उसके ठीक उलट जिलाधिकारी द्वारा चार धाम यात्रा में अव्यवस्थाओं की शिकायत करने वाली जनता का फोन तक नहींउठाया गया और ना ही स्थानीय जनता व जनप्रतिनिधियों का फोन उठाया गया उन्होंने कहा कि जिस अधिकारी के कंधों पर जनपद की व्यवस्थाओं को सुचारू रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई हो जब वही अधिकारी किसी के फोन को उठाने को राजी ना हो तो उनके नीचे कार्य करने वाले अधिकारियों की सच्चाई को आप समझ सकते हैं,

यही नहीं चार धाम यात्रा के समय केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ावों पर जमकर शराब की तस्करी हुई हेली कंपनियों ने भी खुलेआम मनमानी की यहां तक कि जिला पंचायत की पार्किंग में कई गैर कानूनी काम हुए पर जिला प्रशासन चुपचाप आंखें मूंदकर चैन की नींद सोया रहा बिना निविदा की ही केदारनाथ जाने वाले घोड़े कचरू की काठी पर वाटरप्रूफ गद्दी लगाने के नाम पर जिला प्रशासन की देखरेख में एक बड़े घपले को अंजाम दिया गया,

जिसकी जांच का भी अभी तक पता नहीं है कि जांच किस स्तर पर है यात्रा में लगी हैली कंपनीयों ने जमकर ओवरलोडिंग की और पट बंद होने के कुछ दिन पूर्व ही 7 लोग दुर्घटना के शिकार हो गए वही जनप्रतिनिधियों द्वारा विकास में हीला हवाली की शिकायतों को जब ग्रामीणों द्वारा जिलाधिकारी से की जाती है तो उस पर भी कार्यवाही होती नहीं दिखती है उल्टा शिकायत करने वाले ग्रामीणों पर ही मुकदमे दर्ज कर लिए जाते है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर जनपद में होने वाले निर्माण कार्यों में बहुत ही घटिया निर्माण कार्य किए जा रहे हैं जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग सहित कई बाजारों में घटिया नालियों का निर्माण किया गया है जो कई स्थानों पर आधा अधूरा पड़ा है यही नहीं कुछ समय पूर्व एक कंपनी द्वारा निर्माण कार्य की सेटिंग गिरने से कुछ मजदूरों की मौत का मामला भी सामने आया मगर जिला प्रशासन ने कंपनी के मालिक के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की और लापरवाह इंजीनियरों का तबादला कर मामले का इतिश्री कर दिया गया,

वही रुद्रप्रयाग गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर जानलेवा बना हुआ है ग्रामीण मोटर मार्गो की स्थिति भी दयनीय है यही नहीं जनपद में शराब माफिया खनन माफिया बेरोकटोक अपनी गतिविधियों का अंजाम दे रहे हैं तथा सरकार को भी भारी राजस्व की क्षति पहुंचा रहे हैं मगर प्रशासन की कार्रवाई धरातल पर दिखी नहीं है क्योंकि प्रशासन के संरक्षण से ही इन कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है,

आम जनमानस की कहीं भी समय पर कोई सुनवाई नहीं है और फरियादी थक हार कर जनप्रतिनिधियों को कोस कर चुप बैठने को विवश हो गया है साथ ही दुर्भाग्य है कि प्रदेश के अधिकतर जन प्रतिनिधि या राजनीतिक दलों से जो लोग आगे आ रहे हैं उनकी पृष्ठभूमि या तो शराब व्यवसाय की है या फिर वह सरकारी विभागों में ठेकेदारी में लिप्त हैं या फिर खनन व्यवसाय से जुड़े हैं इसलिए प्रशासन भी ऐसे व्यक्तियों की निजी कमजोरी पकड़कर जनता की शिकायतों की अनदेखी करता है ,

उन्होंने कहा कि प्रशासन को यह भी ध्यान में रखना चाहिए हर जनप्रतिनिधि सामाजिक कार्यकर्ता या राष्ट्रीय दलों से जुड़े नेता शराब व्यवसाय व्यवसाय या ठेकेदारी प्रथा या खनन व्यवसाय की पृष्ठभूमि से नहीं आते हैं इसलिए प्रशासन को अपना नजरिया बदलना होगा और स्वच्छ छवि वाले लोगों को जो ईमानदारी से जन समस्याओं को उठाते हैं उनको प्राथमिकता से सुनना ही होगा.

श्री नेगी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य बनने के 22 वर्ष बाद इस प्रकार की अफसरशाही को जनपद में बिठाया गया है जो बड़े खेद का विषय है पूर्व में नियुक्त जिलाधिकारीयों द्वारा पक्ष विपक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं विभिन्न संगठनों से जुड़े आंदोलनकारी व समस्त मीडिया से जुड़े लोगों के साथ समन्वय बनाकर समस्याओं का निस्तारण किया जाता रहा है मगर यह पहले आईएएस अफसर है जो शायद सबके साथ समन्वय न बनाकर चलते हुई सिर्फ सत्ताधारी दल व उनके चुनिंदा लोगों को ही सर्वे सर्वा समझकर जनपद में अपनी मर्जी से कार्य कर रहे हैं तभी तो जिलाधिकारी सहूलियत के हिसाब से फोन रिसीव करते हैं,

उन्होंने कहा कि अगर इसी मानसिकता के आला अफसरों ने सिर्फ समय बिताने के लिए रस्म अदायगी करनी है तो यह उत्तराखंड राज्य के लिए बेहद दुखद क्षण होगा आखिर अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली मेक कब सुधार लाएंगे उन्होंने मुख्य सचिव से उम्मीद जाहिर की है वह उनके द्वारा दिए गए पत्र में राज्य की मूल भावनाओं को साथ जोड़ते हुए नौकरसाहों को जनता के प्रति मूल जिम्मेदारियों का एहसास कराएंगे,

वही मामले में जिलाधिकारी व जिला प्रशासन सहित अन्य विभागों का पक्ष जानना चाहा लेकिन संपर्क नहीं हो पाया है। संपर्क होने पर सभी की बात को प्रकाशित किया जाएगा।

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