कभी सांप-सपेरे वाला देश, आज वही दुनिया कर रही है गौरव गान

नई दिल्ली: देश दुनिया में हमें सांप और सपेरों वाला देश। दुनिया के सामने हाथ फैलाने की छवि। गरीबी से जूझता देश के तौर पर बताया जाता था। कभी भारत को इन्हीं वजहों से जाना जाता था। पश्चिम के देशों में भारत को जादू-टोना वाला देश माना जाता रहा है। लेकिन कहते हैं न कि समय बलवान होता है।

भारत पर 200 साल तक गुलामी करने वाला इंग्लैंड आज आर्थिक विकास में भारत से पिछड़ चुका है। सांप-सपेरो और जादू टोने वाली छवि खत्म हो चुकी है। जब दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही थी और गरीब और पिछड़े देशों में वैक्सीन की किल्लत थी तो भारत ने सामने आकर उन सब देशों की मदद की।

भारत की छवि का मजाक बनाने वाले लोग अब कुछ भी बोलने से पहले दो बार सोचते हैं। दरअसल, हिंदुस्तान की ये छवि यूं नहीं बदली है। पिछले करीब डेढ़ दशक से देश के लोगों ने काफी मेहनत-मशक्कत की है। आइए जानते हैं दुनिया में भारत की तरक्की की ऐसी 4 तस्वीरें जिसमें भारत की हो रही है वाहवाही।

जिस ब्रिटेन ने कभी भारत पर 200 साल तक राज किया हो। जिसने पूरी दुनिया में भारत की छवि को सांप-सपेरो वाला देश के रूप में स्थापित करने की कोशिश की थी। वो खुद अब आर्थिक विकास में भारत से पिछड़ चुका है।

बीते 10 वर्षों में भारतीय इकोनॉमी ने 11वें पायदान से यहां तक का सफर तय किया है। भारत लंबे समय से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है। जिस समय दुनिया भर में मंदी की आशंका है और अर्थव्यवस्थाओं का आकार सिकुड़ रहा है, उस समय में भी हमारी ग्रोथ रेट दोहरे अंकों में रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की इस उपलब्धि को बड़ी बताया था।

उन्होंने कहा था कि एक दशक में भारत का दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना कोई ‘सामान्य उपलब्धि’ नहीं है और देश के लोगों को इसका श्रेय लेना चाहिए। अब केवल अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी ही भारत से आगे हैं। एक दशक पहले, भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में 11वें स्थान पर था, जबकि ब्रिटेन पांचवें स्थान पर था।

पूरी दुनिया में गरीब देश की जकड़न से अब भारत धीरे-धीरे ही सही निकलता दिख रहा है। ग्लोबल मल्टीडायमेंशनल पोवर्टी इंडेक्श (Global Multidimensional Poverty Index 2022) के अनुसार, भारत में करीब 41 करोड़ लोग पिछले 15 साल में (2005/06-2002/21) गरीबी रेखा से बाहर निकल आए हैं।

इन डेढ़ दशक में गरीबी का स्तर 55.1% से घटकर 16.4% तक पहुंच गया है। यूएनडीपी ने भारत की उस उपलब्धि को बड़ा बताते हुए इसकी तारीफ भी की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है। गोवा में सबसे तेजी से गरीबों की संख्या कम हुई है।

भारत की तेज आर्थिक विकास की IMF ने जमकर तारीफ की है। विश्व की इस सबसे बड़ी आर्थिक संस्था ने उम्मीद जताई है कि भारत अगले 5 साल में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।

आईएमएफ के अनुसार, भारत तीसरे स्थान पर समय से पहले पहुंच सकता है। रिपोर्ट के अनुसार भारत इस सूची में जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देगा। IMF के अनुसार 2027 तक भारत में प्रतिव्यक्ति जीडीपी 3,652 डॉलर (3 लाख 177 रुपये) तक पहुंच सकता है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत के पुराने सहयोगी रूस को युद्ध को लेकर जो संदेश दिया उसकी पूरी दुनिया में जमकर तारीफ हुई। दरअसल, मोदी ने व्लादिमीर पुतिन को साफ-साफ कहा था कि यह समय यु्द्ध का नहीं है और सभी मुद्दे का समाधान बातचीत से होनी चाहिए। पीएम के इस बयान को पूरी दुनिया में सकारात्मक संदेश के तौर पर देखा गया। अपने ‘शांति पाठ’ वाले बयान से पीएम मोदी पूरी दुनिया में छा गए हैं।

अमेरिकी मीडिया में मोदी के बयान को बड़ी तरजीह दी थी। इसे भारत के बढ़ते वैश्विक रसूख से भी जोड़ा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित करने के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने पीएम मोदी के रूस को दिए गए बयान की तारीफ की थी।

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