आपरेशन जिंदगीः अब तक 50 शव शव बरामद

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सुरंग से पांच, रैणी से छह और रुद्रप्रयाग से एक शव बरामद

देहरादून। तपोवन में एनटीपीसी के निर्माणाधीन हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 34 व्यक्तियों तक पहुंचने में रेस्क्यू अभियान जारी है। मलबे के बैक फ्लो की वजह से उसे हटाने में टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ रही। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि सुरंग से पांच शव निकाले गए हैं। उन्होंने बताया कि टीमें 130 मीटर तक पहुंच गई हैं और जल्द ही अगली सुरंग तक पहुंचने के लिए प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश कर रही हैं।

वहीं, छह शव रैणी और एक शव रुद्रप्रयाग से मिला है। अब तक कुल 50 शव शव बरामद किए गए हैं, जबकि सौ से ज्यादा लोग लापता हैं। वहीं, डीएम स्वाति सिंह भदौरिया और एसपी यशवंत सिंह भी मौके पर हैं और राहत-बचाव कार्यों का जायजा ले रहे हैं। दूसरी ओर जोशीमठ पुलिस स्टेशन में अब तक 29 लापता लोगों के मामले दर्ज किए गए हैं। पहचान में सहायता के लिए परिवार के 55 सदस्यों के डीएनए नमूने लिए गए हैं।

चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में ऋषिगंगा की बाढ़ में तबाह हुई एनटीपीसी की 520 मेगावाट की तपोवन विष्णुगाड़ परिरयोजना की टनल में ड्रिलिंग कर दो शवों को बरामद कर दिया गया है। इनकी शिनाख्त आलम सिंह पुत्र सुंदर सिंह निवासी ल्वैल गुल्लर नरेंद्रनगर, टिहरी उत्तराखंड और अनिल पुत्र भगतू निवासी डाडवली समल्टा कालसी देहरादून उत्तराखंड के रूप में हुई है।

टनल के अंदर रेस्क्यू में जुटी एनडीआरएफ की टीम ने पहला शव तड़के 4:45 बजे व दूसरा शव सुबह 5:50 बजे परियोजना की इंटेक एडिट टनल से बरामद किया। इस टनल में सात फरवरी से ही रेस्क्यू आपरेशन चल रहा है। जिन दो व्यक्तियों के शव टनल से बरामद हुए हैं। उनकी घटना के दिन से ही मलबे में दबे होने की संभावना जताई जा रही थी। रेस्क्यू टीम द्वारा ड्रोन कैमरे की मदद से टनल के अंदर लापता व्यक्तियों की तलाश की जा रही है।

 

चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया व पुलिस कप्तान यशवंत सिंह चौहान ने टनल के अंदर जाकर रेस्क्यू कार्यों का जायजा लिया। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि टनल के अंदर रेस्क्यू कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। एनडीआरएफ सहित अन्य टीमें रेस्क्यू में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि टनल के अंदर फंसे व्यक्तियों के जीवित होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

 

यदि टनल के अंदर कोई जीवित व्यक्ति बरामद होता है तो उसका तत्काल उपचार कराने के लिए यहां पर बनाए गए अस्थाई हेलीपैड में हेलीकाप्टर की भी तैनाती की गई है। घटनास्थल पर मेडिकल टीमों की भी तैनाती की गई है। ताकि यदि कोई घायल मिले को उसका यहीं पर प्राथमिक उपचार किया जा सके।

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