पाकिस्तानी रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर

पाकिस्तान:पाकिस्तान पतन पथ पर बढ़ रहा है. आज पाकिस्तान की उम्मीदों को और झटका लगा और पहली बार कल डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया सबसे निचले पायदान पर पहुंच गया. डॉलर की बढ़ती कीमत साफ सिग्नल दे रही है कि पाकिस्तान का बंटाधार होना अब तय है. मुल्क के मुस्तकबिल में दिवालियापन की इबारत लिखी जा चुकी है.

पाकिस्तान दिवालिया होने वाला है. चीन सऊदी अरब से लेकर वर्ल्ड बैंक तक ने हाथ पीछे खींच लिए हैं. महंगाई सातवें आसमान पर है. ऐसे बुरे हालात में पाकिस्तान रुपया गोते लगा रहा है और रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ चुका है. पाकिस्तान में एक डॉलर की कीमत 255 रुपये के पार पहुंच चुकी है. महंगाई दर 25 फीसद को पार करने वाली है. 3 महीने में पाकिस्तान 5 अरब डॉलर का कर्ज ले चुका है.

पाकिस्तान के दिवालिया होने का डंका खुद पाकिस्तानी मीडिया बजा रही है. वहां कहा जा रहा है कि डॉलर आउट ऑफ कंट्रोल हो गया है. ओपन मार्केट में एकदम से 12 रुपये महंगा हो गया है. कल पाकिस्तान में ओपन करेंसी मार्केट में डॉलर 12 रुपये महंगा हुआ है और इसकी कीमतें 255 रुपये रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंची हैं.

ओपन और इंटरबैंक बाजारों में रुपये की गिरावट के बाद पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (पीएसएक्स) के बेंचमार्क इंडेक्स में 1,000 से अधिक अंकों की बढ़ोतरी हुई. यह जानकारी मीडिया रिपोर्टो में दी गई है.

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाक रुपये ने विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी और आईएमएफ के कमजोर पड़ने के बाद डॉलर के मुकाबले दो दशक से भी ज्यादा समय में डॉलर के मुकाबले अपनी सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की, जिससे सरकार को मुद्रा पर अपनी पकड़ ढीली करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

आईएमएफ की शर्त के तहत रुपया-डॉलर विनिमय दर पर अपना नियंत्रण समाप्त करने के सरकार के फैसले के बाद पाक मुद्रा 9.61 फीसदी या 24.5 रुपये की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 255.43 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया. 9 फीसदी से अधिक की गिरावट 30 अक्टूबर 1999 के बाद से सबसे ज्यादा थी जब पाकिस्तानी करेंसी 9.4 फीसदी गिर गई थी.

पाकिस्तान बर्बादी के भंवर में फंसा है और रोज हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. ऐसे में अवाम बोल उठी है कि नालायक हुक्मरानों को बीच चौहारे पर सूली पर टांग दिया जाए. लोग कह रहे हैं कि ‘पाकिस्तान की इकोनॉमी कभी ठीक नहीं हो सकती,

जब तक आप हमारे हुक्मरानों को सरेआम फांसी न दें. सरेआम फांसी दें. सऊदी अरब के अंदर सरेआम गर्दन उतारते हैं यहां भी गर्दनें उतरेंगी तो कुछ होगा.’

महंगा होता डॉलर पाकिस्तान की और कब्र खोद रहा है. ऐसे में अवाम शरीफ सरकार को हकीकत का आइना दिखा रही है. पाकिस्तानी मीडिया में दिखाए जा रहे पाकिस्तानी नागरिकों के बयान के मुताबिक लोगों की तिजोरियां डॉलरों से भरी हुई हैं. आप अगर वो डॉलर निकालें पाकिस्तान के फिर देखें ये सारा डॉलर क्राइसिस खत्म हो जाएगा.

मैं तो खुद कश्मीरी हूं, भट्ट हूं. मैं तो चाहता ही नहीं की कश्मीर बने पाकिस्तान इन्होंने पाकिस्तान का क्या हाल किया हुआ है जो कश्मीर लेकर इन्होंने करना है. इन सब तरह के बयानों से साफ है पाकिस्तान के बुरे दिन न कभी खत्म हुए थे और न कभी होंगे.

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