पौड़ी : पर्यटन को बढ़ावा देने में होम स्टे योजना की एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह योजना युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए भी एक अच्छा विकल्प है। यह बात आज जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने विकास भवन सभागार, पौड़ी में पं. दीनदयाल (होम-स्टे) एवं वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना की बैठक लेते हुए कही। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रदेश सरकार भी होम स्टे योजना को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, ताकि यहाँ युवाओं को रोजगार मिल सके। कहा कि होम स्टे के तहत कार्य करने वाले आवेदक एक सोसायटी बनाकर ग्रामीणों को इस संबंध में जागरूक कर सामूहिक रूप से कार्य करें। कहा कि होम स्टे इस तरह से तैयार किये जायें कि उसमें पहाड़ी शैली झलके ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक यहां से एक सन्देश लेकर जायें। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में कई स्थल ऐसे होंगे जो अपनी नैसर्गिक सौन्दर्यता एवं यहां की विरासत को समेटे हुए होंगे, किन्तु वहां पर पर्यटकों को रहने एवं खान-पान की सुविधा न होने के कारण पर्यटक इन स्थलों का आनन्द नहीं ले पाते हैं। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को रमणीक एवं पर्यटन स्थल वाले क्षेत्रों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। कहा कि होम स्टे से स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और पर्यटकों को भी यहां की संस्कृति, परम्परायें एवं व्यंजनों का अनुभव होगा। इस अवसर पर पर्यटन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में होम स्टे योजना के अन्तर्गत 17 आवेदन आये थे, जिनमें से 11 आवेदन स्वीकार किये गये। कहा कि कुछ आवेदकों के प्रकरण अपनी भूमि न होने, नक्शा व आंगणन न होने के कारण बैंक स्तर से लम्बित हैं। बैंक स्तर से लम्बित प्रकरणों में श्री मनोज कुमार ग्राम निग्याण लंैसडोन, श्री दिनेश चन्द्र देशवाल ग्राम सिल्सू पौड़ी, श्री मनीष राणा ग्राम धारी गांव, पौड़ी, श्री सोमेश सिंह नेगी ग्राम पटनातल्ला यमकेश्वर, श्री ओमप्रकाश ग्राम बछेली सतपुली आदि है। बैंकों द्वारा अवगत कराया गया कि इन प्रकरणों में अधिकतर नियम 143 के प्रकरण हैं तथा कुछ के अभिलेख पूर्ण नहीं थे। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि अभी नियम 143-ए आया है, इसके तहत नियमानुसार प्रकरणों को पूर्ण करने की अपेक्षा की। सभी बैंक अधिकारियों द्वारा आवेदित प्रकरणों पर शीघ्र ही कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। बैठक में उप जिलाधिकारी कोटद्वार अनिल चन्याल, उपजिलाधिकारी यमकेश्वर किशन सिंह नेगी, उपजिलाधिकारी पौड़ी के मेहत्ता, उपजिलाधिकारी लैंसडाउन अर्पणा ढोंडियाल, एसबीआई बैंक नरेन्द्र सिंह रावत, पीएनबी बैंक प्रवीन वर्मा, नबार्ड बैंक भूपेन्द्र सिंह, आईसीआईसीआई बैंक पंकज जोशी, नैनीताल बैंक सीएस पन्त आदि बैंकों के अधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे।———————————–
जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने आज विकास भवन सभागार, पौड़ी वनाग्नि प्रबन्ध योजना की बैठक ली। जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि रोकथाम के लिए पहले से तैयारी करें तथा वन पंचायत को भी इसमें शामिल करें। कहा कि विगत वर्षाें के आंकड़ों को लेते हुए आग लगने वाले स्थानों को चिन्हित करें। जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों के अन्तर्गत वन पंचायतों की सूची एवं वन पंचायत के पास कितना पैंसा है, का विवरण उपलब्ध कराने को कहा। जिलाधिकारी उन वन पंचायतों की सूची भी उपलब्ध कराने को कहा, जहाँ निर्वाचन होना है। जिलाधिकारी ने कहा कि अधिक से अधिक पेड़ लगायें, उनमें फल के पेड़ भी शामिल करें तथा उनकी देखभाल के लिए एनजीओ की मदद लें। कहा कि वनाग्नि रोकने के लिए चैकडेम बनाये जायें, जल संरक्षण किया जाये। कहा कि वनाग्नि न हो, इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाये जायें। जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों पौड़ी को तहसील स्तर पर भी विकास योजनाओं की माॅनिटिरिंग करने के निर्देश दिये। बैठक में उप वन संरक्षक गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी लक्ष्मण सिंह रावत द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में 227 क्रू स्टेशन बनाये गये है। कहा कि जनपद में वनाग्नि की रोकथाम के लिए जनपद स्तरीय एवं ब्लाॅक स्तरीय कमेटी बनायी गई है। कहा कि सभी उपजिलाधिकारियों को वन पंचायत की सूची दे दी जायेगी। उन्होंने विगत 05 वर्षों में घटित अग्नि दुर्घटनाओं के विवरण से भी अवगत कराया। बैठक मंे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर, मुख्य विकास अधिकारी दीप्ति सिंह, सभी उपजिलाधिकारी, एसडीओ एम.के. बहुखण्डी, प्रभागीय वनाधिकारी सन्त राम, वन क्षेत्राधिकारी पौड़ी अनिल कुमार, प्रभागीय वन क्षेत्राधिकारी दिनेश चन्द्र जोशी, वन क्षेत्राधिकारी पैठाणी रश्मि ध्यानी, सहायक जिला कमान्डेट पौड़ी जगत सिंह, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका पौड़ी विनोद लाल सहित अन्य वन क्षेत्राधिकारी एवं प्रभागीय वनाधिकारी उपस्थित थे।