लोगों के नसीब में नहीं 2 जून की रोटी !

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है। लोगों को 2 जून की रोटी भी नहीं नसीब हो रही है। दरअसल, पड़ोसी मुल्क में मुद्रास्फीति रिकॉर्ड 38 फीसदी होने के कारण खाद्य कीमतें आसमान छू रही हैं।पाकिस्तान के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति की दर मई 2023 में साल-दर-साल के आधार पर रिकॉर्ड 38 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह दर जुलाई 1965 के बाद सबसे अधिक है।

पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 36.4 फीसद पर थी जो मई में 1.6 फीसद बढ़ गई। ग्रामीण क्षेत्रों में और भी बुरा हाल है। दैनिक उपयोग के सामान की कीमतों में साल दर साल 52.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और शहरी क्षेत्रों में मई 2022 की तुलना में मई 2023 में खाद्य मुद्रास्फीति में 48.1 फीसद की बड़ी वृद्धि देखी गई।

खाद्य सामानों में पिछले वर्ष की तुलना में मई में जिन वस्तुओं की कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि हुई, उनमें सिगरेट, आलू, गेहूं का आटा, चाय, गेहूं और अंडे और चावल शामिल हैं। वहीं, गैर-खाद्य श्रेणी में पाठ्यपुस्तक, स्टेशनरी, मोटर ईंधन, कपड़े धोने के साबुन, डिटर्जेंट और माचिस की कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा रुके हुए 6.5 बिलियन अमरीकी डालर के सहायता पैकेज को पाने के लिए मांगे गए राजकोषीय समायोजन के हिस्से के रूप में सरकार द्वारा जरूरत की चीजों को भी महंगा किया गया। बता दें कि इस साल की शुरुआत से ही पाकिस्तान में हर घर में मुद्रास्फीति की मार पड़ी है।

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