नेपाल में विमान हादसा, अब तक 36 की मौत

नेपाल: नेपाल में रविवार सुबह बड़ा विमान हादसा हुआ। यति एयरलाइंस का प्लेन ATR-72 में 68 यात्री और 4 क्रू मेंबर सवार थे। नेपाल के स्थानीय मीडिया के मुताबिक, अब तक 36 लोगों के शव निकाल लिए गए हैं। हालांकि, एयरलाइंस और सरकार ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

हादसे की जो तस्वीरें और फुटेज सामने आ रही हैं। उसमें यह हादसा बेहद भयानक नजर आ रहा है। बचाव और राहत में जुटे लोगों के मुताबिक, किसी के बचने की उम्मीद नहीं है। सिविल एविएशन अथॉरिटी का कहना है कि लैंडिंग से ठीक पहले विमान में आग की लपटें दिखाई दीं। इसलिए मौसम की खराबी के कारण दुर्घटना होने की बात नहीं कही जा सकती है। पहले कहा जा रहा था कि हादसा खराब मौसम की वजह से हुआ है।

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने कैबिनेट की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। इसमें राहत और बचाव कार्य की समीक्षा की जा रही है।हादसे वाली जगह पर आर्मी को तैनात कर दिया गया है। उसने बचाव और राहत कार्य का जिम्मा संभाल लिया।भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नेपाल के हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

हादसा कासकी जिले के पोखरा में पुराने एयरपोर्ट और पोखरा एयरपोर्ट के बीच हुआ। यहां वह पहाड़ी से टकराकर येति नदी के पास खाई में जा रहा। पोखरा एयरपोर्ट काठमांडू से 200 किमी दूर है।स्थानीय मीडिया के मुताबिक यह हादसा रविवार सुबह 8 बजे के करीब हुआ। स्थानीय लोग राहत और बचाव के लिए पहुंच गए। हालांकि, मीडिया में यह खबर दोपहर 12 बजे के करीब आई।

विमान को कैप्टन कमल केसी उड़ा रहे थे। 68 यात्रियों में से 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, एक आयरिश, दो कोरियन, एक अफगानी और एक फ्रैंच नागरिक थे। इनमें 3 नवजात और 3 बच्चे शामिल हैं। एयरलांइस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा है कि अभी तक किसी जीवित व्यक्ति को नहीं निकाला जा सका है।

नेपाल में पिछले साल मई में भी नेपाल में प्लेन क्रैश होने से 19 पैसेंजर और 3 क्रू मेंबर्स की जान चली गई थी। इस विमान में 4 भारतीय भी थे। नेपाल आर्मी की सर्च एंड रेस्क्यू टीम को मुस्तांग के सैनोसवेयर इलाके की पहाड़ी पर मलबा मिला था।

एयरक्राफ्ट 43 साल पुराना था। तारा एयरक्राफ्ट क्रैश की जांच के लिए नेपाल सरकार ने 5 सदस्यीय कमीशन बनाया था। ये कमीशन इस घटना के कारणों की जांच करने के लिए बनाया गया था, इसे प्लेन क्रैश की घटनाओं से बचने के लिए सुझाव देने का काम भी सौंपा गया था।

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