जापान। जापान में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन यूक्रेन के लिए बेहद अहम समझा जा रहा है। इसी बीच रविवार को जापान के अखबार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के मुलाकात की खबरों की बाढ़-सी आ गई है। दरअसल, जापानी अखबारों ने पिछले साल से शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध से अधिक यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की हिरोशिमा यात्रा को कवर किया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, “लोकतंत्र को और भी बहुत कुछ की जरूरत है। मुझे लगता है कि हमें लोकतंत्र के स्पष्ट वैश्विक नेतृत्व की आवश्यकता है। यह एक मुख्य चीज है, जिसमें हम अपना सहयोग प्रदान करते हैं।”इससे पहले शनिवार को, जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूक्रेनी शांति सूत्र पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया और देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का समर्थन करने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया।
ट्विटर पर जेलेंस्की ने कहा, “जापान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक बैठक हुई। मैंने उन्हें यूक्रेनी शांति सूत्र पहल के बारे में विस्तार से जानकारी दी और भारत को इसके कार्यान्वयन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। मैंने मानवीय विनाश और यूक्रेन की जरूरतों के बारे में बात की। मैं भारत को हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का समर्थन करने के लिए, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय संगठनों के मंचों पर और यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए धन्यवाद देता हूं।”
बैठक में, पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि यूक्रेन संघर्ष को हल करने में मदद के लिए हर संभव कोशिश करेगा। पीएम मोदी ने कहा, “भारत और मैं संघर्ष को हल करने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे।”
जेलेंस्की ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया, जहां उन्होंने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बात की। मैंने अपनी शांति सूत्र की प्रगति पर उन्हें एक फॉर्मूला दिया। हमने दुनिया के विभिन्न हिस्सों से नेताओं और देशों को शांति सूत्र के बारे में समझाने के कई चरण पार कर लिए हैं।”
जेलेंस्की ने कहा, “मेरा मानना है कि भारत नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बहाल करने में भाग लेगा, जिसकी स्पष्ट रूप से सभी स्वतंत्र देशों को जरूरत है।” गौरतलब है कि पिछले साल 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली व्यक्तिगत मुलाकात थी। यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से, पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ राष्ट्रपति जेलेंस्की से कई बार केवल फोन पर बात की है।
जेलेंस्की ने ट्वीट किया, “हमारे सभी सहयोगियों और भागीदारों के साथ, हमने सहयोग का ऐसा स्तर हासिल किया है, जिसने यह सुनिश्चित किया गयी है कि लोकतंत्र, अंतर्राष्ट्रीय कानून और स्वतंत्रता का सम्मान किया जाता है। हम जो महत्व देते हैं उसे अनदेखा करने और अवहेलना करने का प्रयास किया गया है। लेकिन अब यह असंभव है।”
उन्होंने लिखा, “अब हमारी शक्ति बढ़ रही है। कोई भी जो एक लोकतांत्रिक देश के खिलाफ आक्रामकता छेड़ना चाहता है, वह देखता है कि प्रतिक्रिया क्या होगी और जितना अधिक हम सब मिलकर काम करेंगे, उतनी ही कम संभावना है कि दुनिया में कोई और रूस का अनुसरण करेगा। लेकिन क्या यह काफी है? लोकतंत्र को और अधिक चाहिए। मुझे लगता है कि हमें लोकतंत्र के स्पष्ट वैश्विक नेतृत्व की आवश्यकता है। यह मुख्य चीज है जो हम अपने सहयोग से प्रदान करते हैं।”