नई दिल्लीः रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2 दिन के भारत दौरे पर पहुंचे हैं. इस दौरान 4 दिसंबर 2025 की रात 7LKM पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन को डिनर पर आमंत्रित किया था. उससे पहले दोनों नेता एयरपोर्ट से एक कार में सवार हो 7LKM पहुंचे थे. पीएम के आवास पर मोदी और पुतिन के बीच लगभग 2:30 घंटे बैठक चली. पीएम मोदी और पुतिन की अकेले कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत हुई. उस दौरान पीएम मोदी ने पुतिन को रूसी भाषा में अनुवादित गीता भेंट की.
करीब पंद्रह साल पहले साइबेरिया के टॉम्स्क शहर में एक मामला उठा था, जिसने भारत में राजनीतिक हलचल मचा दी थी. इस्कॉन की तरफ से प्रकाशित भगवद्गीता ऐज इट इज” के रूसी अनुवाद को लेकर स्थानीय अधिकारियों ने आपत्ति जताई और इसे उग्रवादी साहित्य करार देने की कोशिश की. आरोप इतने गंभीर थे कि प्रस्ताव रखा गया कि इसे रूस की एक्सट्रीमिस्ट बुक लिस्ट में शामिल किया जाए.
इतिहास ने खुद को नए रूप में प्रस्तुत किया. पीएम मोदी और पुतिन जब दिल्ली में आमने-सामने आए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें रूसी भाषा में अनूदित भगवद्गीता भेंट की. यह उपहार सिर्फ एक पुस्तक नहीं था. यह संदेश था कि बीते समय के बादल छंट चुके हैं और दोनों देश पहले से भी मजबूत विश्वास की नींव पर खड़े हैं.
आज भारत और रूस अपने रिश्ते को सिर्फ साझेदारी नहीं, बल्कि ऐतिहासिक मित्रता के रूप में देख रहे हैं और उस मित्रता के दौरान गीता जैसे आध्यात्मिक ग्रंथ का होना अपने आप में यह बताता है कि दोनों देशों ने न सिर्फ अतीत के विवादों को पीछे छोड़ा, बल्कि उन्हें नई शुरुआत का आधार भी बनाया.

