देश के अंतिम गांव माणा में रम्माण-पौणा नृत्य से पीएम का स्वागत

उदय दिनमान डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छठवीं बार केदारनाथ पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन किए। वह यहां ढाई घंटे रहे। इसके बाद वह बदरीनाथ धाम पहुंचे। प्रधानमंत्री के आगमन से देश के अंतिम गांव माणा में खासतौर पर भारी उत्साह है।

माणा गांव में जनसभा में मुख्यमंत्री धामी ने अपना संबोधन शुरू किया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि की जनता की तरफ से प्रधानमंत्री का सबसे पहले स्वागत अभिनंदन किया।

कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि आज हमें प्रधानमंत्री का सानिध्य मिल रहा है। कहा कि प्रधानमंत्री नए भारत निर्माण के सपने में उत्तराखंड का अपना पूरा सहयोग देगा। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री का लगाव उत्तराखंड से किस तरह का है, ये हम सभी अच्छी तरह जानते हैं। हम धर्म और संस्कृति का उत्सव मना रहे हैं। भव्य केदार और दिव्य केदार बनने जा रहा है।

प्रधानमंत्री की अगुवाई में माणा गांव के भोटिया जनजाति की महिला व पुरुषों द्वारा पौणा नृत्य और झुमैलो नृत्य भी किया। यह विविध कार्यक्रमों, पूजा और अनुष्ठानों की एक शृंखला है। इसमें सामूहिक पूजा, देवयात्रा, लोकनाट्य, नृत्य, गायन, मेला आदि विविध रंगी आयोजन होते हैं।

केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना और केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास करने के बाद पीएम बदरीनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने पूजा कर भगवान बदरीनाथ के दर्शन किए। इसके बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अंतिम गांव माणा पहुंच गए हैं। जहां वह जनसभा को संबोधित करेंगे।

समुद्रतल से 10227 फीट की ऊंचाई पर सरस्वती नदी के किनारे बसे माणा गांव में भोटिया जनजाति के करीब 150 परिवार निवास करते हैं। यह गांव अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ कई अन्य कारणों से भी अपनी अलग पहचान रखता है।

गांव की महिलाएं ऊन का लव्वा ( ऊन की धोती) और अंगुड़ी (ऊन का बिलाउज) पहनती हैं। यहां की महिलाएं हर वक्त अपने सिर को कपड़े से ढककर रखती हैं। किसी भी सामूहिक आयोजन में महिलाएं और पुरुष समूह में पौणा व झुमेलो नृत्य आयोजित करते हैं।

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