‘गरीब आदमी का सोना’

नई दिल्‍ली: केडिया एडवाइजरी के अजय केडिया ने सोने को लेकर निवेशकों को सावधान किया है। उन्होंने कहा कि सोने ने पहले ही बहुत अच्छा रिटर्न दिया है। उन्होंने बताया कि सोना सुरक्षित निवेश है। लेकिन, एक साल में लगभग 50% का रिटर्न मिलने के बाद थोड़ा सावधान रहना होगा। एक्‍सपर्ट ने यह भी कहा कि अप्रैल में सोने के दाम लगभग 10% गिरे थे। यह 3,500 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस से 3,120 डॉलर तक आ गया था।

केडिया का मानना है कि 8-10% की गिरावट पर फिर से निवेश करना अच्छा रहेगा। अभी के स्तर पर लंबी अवधि के लिए निवेश करना सही नहीं है। उन्होंने चांदी को सोने से बेहतर बताया है। उनका कहना है कि चांदी को ‘गरीब आदमी का सोना’ भी कहा जाता है। सोलर और इलेक्ट्रिक वाहनों में इसकी मांग बढ़ रही है। इसलिए चांदी में अभी भी ज्यादा संभावनाएं हैं।

1980 या 2011 में चांदी का भाव 50 डॉलर प्रति औंस तक गया था। अगर यह 50 डॉलर तक जाता है तो रुपये की कमजोरी के कारण भारत में यह 145-144 रुपये प्रति ग्राम तक जा सकता है। उन्होंने कहा कि सोने और चांदी के अनुपात को देखते हुए चांदी अभी भी सोने से सस्ती है। इसलिए वह चांदी को पसंद करेंगे।एनएसई निफ्टी इंडेक्स इस साल सिर्फ 6% बढ़ा है। वहीं, सोने और चांदी की कीमतों में 44% और 45% की तेजी आई है।

पिछले 12 महीनों में दोनों लगभग 50% बढ़े हैं। जबकि निफ्टी 3.16% गिरकर 25,118 पर बंद हुआ।त्योहारी सीजन को देखते हुए कुछ एक्सपर्ट्स अभी भी कीमती धातुओं को लेकर उत्साहित हैं। निवेशकों के लिए यह स्पष्ट है कि जिन्होंने इक्विटी के साथ हार्ड एसेट्स में भी निवेश किया है, उन्हें अच्छा रिटर्न मिला है।

केडिया एडवाइजरी के अजय केडिया ने निवेशकों को सोने के बारे में सतर्क रहने की सलाह दी है। उनका कहना है कि सोना पहले ही बहुत अच्छा रिटर्न दे चुका है। उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं है कि यह खरीदने के लिए सुरक्षित जगह है। लेकिन, पहले ही लगभग 50% का रिटर्न मिल चुका है। इसलिए हमें थोड़ा सावधान रहना होगा।’केडिया ने बताया कि अप्रैल में सोने की कीमत में लगभग 10% की गिरावट आई थी। एक करेक्‍शन के बाद 8-10% की गिरावट पर फिर से निवेश करना अच्छा रहेगा। अभी के स्तर पर लंबी अवधि के लिए निवेश करना सही नहीं है।

जब उनसे पूछा गया कि कौन सी धातु ज्यादा आकर्षक है, तो केडिया ने चांदी को चुना। उन्होंने कहा, ‘चांदी को गरीब आदमी का सोना भी कहा जाता है। सोलर और इलेक्ट्रिक वाहनों में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। इसलिए मुझे लगता है कि चांदी अभी भी बेहतर है। 1980 या 2011 में हमने 50 डॉलर का स्तर देखा था। अगर हम 50 डॉलर तक जाते हैं तो रुपये की कमजोरी के कारण हम आसानी से 145-144 रुपये प्रति ग्राम तक पहुंच सकते हैं। मैं चांदी को पसंद करूंगा क्योंकि सोने-चांदी का अनुपात अभी भी बताता है कि चांदी सोने की तुलना में काफी सस्ती है।’

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