यूपीसीएल ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में लागू करेगा पावर-कट
देहरादून: उत्तराखंड में अभी एक महीने और बिजली कटौती परेशान करने वाली है। बिजली की मांग और उपलब्धता की वजह से कटौती करने पड़ रही है।
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने कहा है कि उत्तराखंड में बिजली संकट एक महीने के भीतर खत्म होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बारिश के बाद हाइड्रो पावर का उत्पादन बढ़ने और मांग घटने से स्थिति सामान्य हो पाएगी।
कोयला व गैस की सप्लाई, रूस-यूक्रेन युद्ध के खत्म होने के बाद ही सामान्य होने की उम्मीद है। इसके अलावा जल विद्युत परियोजनाओं के उत्पादन में भी बारिश शुरू होने के बाद ही बढ़ोतरी होगी। एमडी ने बताया कि यूपीसीएल ने राज्य की जरूरत के अनुरूप बिजली का इंतजाम किया था।
लेकिन अचानक गर्मी बढ़ने, गैस प्लांट से मिलने वाली 7.5 एमयू सप्लाई ठप होने, कोविड के बाद उद्योगों में बिजली की मांग 20 प्रतिशत बढ़ने से इंतजाम कम पड़ गए। उन्होंने कहा कि अधिकतम 12 रुपये प्रति यूनिट के रेट पर भी पर्याप्त बिजली उपलब्ध नहीं हो रही है।
इसके बाद भी उत्तराखंड पूरे देश में अकेला ऐसा राज्य है, जहां सबसे कम बिजली कटौती हो रही है। उन्होंने बताया कि यूपीसीएल बाजार से प्रतिदिन 15 से 20 करोड़ रुपये की बिजली खरीद रहा है।