खार्तूम. सैन्य शिविर के बाहर लोकतंत्र के समर्थन में बैठे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सेना ने गोलीबारी की। इसमें 35 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए हैं। इसके बाद सेना प्रमुख ने मंगलवार को नौ महीनों में चुनाव कराए जाने की घोषणा की है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटना की कड़ी निंदा हो रही है। लेफ्टिनेंट जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान ने कहा कि सैन्य परिषद ने अलायंस फॉर फ्रीडम एंड चेंज के साथ बातचीत बंद करने का फैसला किया और नौ महीने के भीतर आम चुनाव कराने पर सहमति जताई।
प्रदर्शनकारी अप्रैल से ही मांग कर रहे हैं कि राष्ट्रपति उमर अल-बशीर को सत्ता से हटाए जाने के बाद शासन में बदलाव किया जाए। बशीर करीब 30 साल तक सत्ता में रहे। राजधानी खार्तूम में हजारों प्रदर्शनकारी सेना मुख्यालय के सामने धरने पर बैठे हैं। पिछले महीने सूडान की सेना और विपक्षी गठबंधन के बीच सरकार के गठन को लेकर समझौता हुआ था। सेना के जनरलों ने दो साल पर जोर दिया, जबकि विपक्ष के नेता सत्ता के चार साल चाहते थे।
अल-बुरहान ने सोमवार को मारे गए लोगों को शहीद बताया और हिंसा पर अफसोस जताया। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर यह नहीं कहा कि घटना के लिए सेना जिम्मेदार है। सोमवार को अटॉर्नी जनरल मौलाना अल-वालिद सईद अहमद महमूद ने घोषणा की कि घटना की जांच के लिए एक समिति बनाई गई है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सैन्य कार्यवाई में 35 लोगों के मारे जाने पर दुख जताया और घटना की कड़ी निंदा की है। निगरानी करने वाले संगठन नेटब्लॉक के अनुसार, बशिर को हटाए जाने के बाद से ही सूडान में इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है।