लाशों को ठिकाने लगाने का अड्डा बनी पहाड़ की शांत वादियां

नैनीताल : शांत मानी जाने वाली पहाड़ की वादियां अब अपराधिक दृष्टिकोण से शांत नहीं रही। पहाड़ में चोरी की डकैती के साथ ही कई संगीन अपराध और हत्या करने के मामलों में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वही हत्या कर लाशों को ठिकाने लगाने के लिए पहाड़ी जिले अपराधियों के लिए भी मुफीद साबित हो रहे हैं।

खुद पुलिस के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। अज्ञात शव मिलने के लगातार बढ़ते मामले पुलिस के लिए भी चुनौती बने हुए हैं। आईजी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मंडल भर में जनवरी से अप्रैल तक 38 अज्ञात शव बरामद किए गए हैं। जिसमें से पुलिस महज सात शवों की ही शिनाख्त कर पाई है। जबकि 31 शव अभी भी पुलिस के लिए पहेली बने हुए हैं।

पर्यटन क्षेत्र में खासी पहचान रखने वाला नैनीताल जिला अपराधिक गतिविधियों मैं भी पीछे नहीं है। जिले में बाहरी राज्यों से भारी संख्या में पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। जिस कारण मौका परस्त अपराधी हत्या कर शवों को ठिकाने लगाने के लिए जिले की शांत वादियों में अवसर तलाशते दिख रहे हैं। यही कारण है कि मंडल भर में मिले अज्ञात शवों में से 50 फीसदी 19 शव नैनीताल जिले से बरामद किए गए हैं। जिसमें से अब तक महज दो शवों की ही पुलिस शिनाख्त कर पाई है।

 

पहाड़ों में अज्ञात शवों के मिलने का सिलसिला नहीं थम रहा है। बीते वर्ष लंबे लॉकडाउन और तमाम पर्यटन गतिविधियां बंद होने के बावजूद साल भर में मंडल में 94 अज्ञात शव बरामद किए गए थे। जिनकी शिनाख्त करने में भी पुलिस कई हद तक नाकाम साबित हुई। मिले 94 शवों की अपेक्षा पुलिस महज 25 शवों की शिनाख्त कर पाई।

 

पुलिस द्वारा जिलों और राज्य के बॉर्डर क्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान के दावे किए जा रहे हैं। वही पहाड़ों में लगातार मिल रहे अज्ञात शवों के बढ़ते आंकड़े इन दावों को पलीता लगा रहे हैं। पुलिस के अभियानों को देखकर मालूम पड़ रहा है की बॉर्डर क्षेत्रों में चलने वाले चेकिंग अभियान महज चालानी कार्रवाई तक ही सीमित है।

आईजी कुमाऊं अजय रौतेला ने बताया कि अज्ञात शवों की शिनाख्त के लिए मंडल भर में समय-समय पर ऑपरेशन शिनाख्त चलाया जाता है। जिसमें पुलिस टीम अन्य राज्यों में जाकर शवों की पहचान और शिनाख्त की कार्रवाई करती है। मगर बीते वर्ष कोविड के चलते अभियान शुरू तो हुआ, लेकिन यह अधिक समय तक नहीं चल पाया। जल्द ऑपरेशन शिनाख्त चलाने के साथ ही राज्य और जिलों के बॉर्डर क्षेत्रों में चेकिंग अभियान तेज किया जाएगा।

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