देहरादून। शनिवार को दो दिवसीय वसंतोत्सव 2019 का रंगारंग आगाज हुआ। फूलों के इस संसार में प्रकृति प्रेमी ट्यूलिप, गुलाब, जरबेरा, कारनेशन, ग्लेडियोलस, लीलियम, आर्किड, वर्गिना, गुडेशिया, पैंजी, ओलीहक, डहेलिया, जरेनियम, फूरिया, कैलेंचो, सनोचिया, कैंडीटफ आदि सैकड़ों प्रजाति के फूलों को देखकर आनंदित हो गए।
वहीं गोर्खा रेजीमेंट के जवानों के खुखरी नृत्य, आइटीबीपी जवानों के हैरतअंगेज करतब देख लोग रोमांचित हो उठे। छात्रों के योग प्रदर्शन और लोक कलाकारों की सांस्कृतिक छटा ने भी सभी का मन मोह लिया। आइएमए और पीएसी के बैंड आकर्षण का केंद्र रहे।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने वसंतोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह राजभवन की परंपरा बन चुकी है। इसमें प्रकृति के साथ ही संस्कृति, संगीत, कला की झलक देखने को मिलती है। इसका उद्देश्य फूलों की खेती को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों की आमदनी बेहतर हो सके। कहा कि प्रदेश में फूलों की खेती का क्षेत्रफल बढऩा एक सुखद संकेत है। इससे काश्तकारों की आर्थिकी मजबूत होगी। इस मौके पर उन्होंने अकरकरा पुष्प वाले विशेष डाक टिकट का विमोचन भी किया।
इस मौके पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पिछले वर्ष के मुकाबले पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष बड़ी तादाद में हुए पुष्प उत्पादन ने इस क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं बढ़ाई हैं।
उद्यान निदेशक आरसी श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य गठन से पूर्व 150 हेक्टेयर में पुष्प उत्पादन होता था, जो वर्तमान में बढ़कर 1533 हेक्टेयर क्षेत्रफल हो गया है। राज्य में लगभग दो सौ करोड़ के फूलों का व्यापार किया जा रहा है। वसंतोत्सव में 32 विभागों के स्टॉल लगाए गए और प्रदेश भर के नर्सरी संचालक और काश्तकारों ने भाग लिया। स्कूली छात्रों ने चित्रकला प्रतियोगिता में अपना हुुनर दिखाया।