हल्द्वानी : इस बार मौसम की मार से सब्जी उत्पादकों की कमर टूट गई है। पहले अक्टूबर में पीक पर रहने वाली मटर की खेती बर्बाद हो गई और अब फूल गोभी, पत्ता गोभी खेतों में ही गलकर खराब हो रही है। इसके अलावा सब्जी मंडियों तक जाने वाले रास्ते बंद होने के कारण किसानों ने सब्जियां खेतों में ही छोड़ दी हैं, जिससे कहीं वह सड़ गईं हैं तो कहीं सूख रही हैं।
नैनीताल जिले में तकरीबन 10 हजार से अधिक किसानों का परिवार सब्जी उत्पादन से चलता है। किसान विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन कर मंडी तक पहुंचाते हैं। वर्तमान में मटर, बंद गोभी, फूल गोभी की सब्जियों का सीजन चल रहा है, लेकिन अब तक मटर हल्द्वानी मंडी तक नहीं पहुंच पाई है।
काश्तकारों के मुताबिक शुरुआत में मटर की फसल ठीक थी, लेकिन बाद में इसके खराब होने का पता नहीं चला। यही हाल बंद गोभी और फूल गोभी के भी हैं। पत्ता गोभी के पत्ते गलकर खराब हो गए हैं और फूल गोभी को सात दिन पहले से रोग लग गया है। इसमें बदबू आने लग गई है। पिछले चार दिनों की बारिश ने स्थिति और खराब कर दी है। जिस वजह से जो सब्जी पहुंचाने लायक थी वह सड़कें बंद होने के कारण मंडी तक नहीं पहुंच पा रही है।
हल्द्वानी मंडी के सब्जी फल आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र जोशी ने बताया कि इस बार सबसे अधिक मटर की सब्जी प्रभावित हुई है। पिछले वर्ष इस समय तक पहाड़ से रोजाना दो हजार कट्टे पहुंचते थे। लेकिन इस बार बिल्कुल भी सप्लाई नहीं है। यहां तक कि मार्ग बंद होने के चलते पहाड़ों से आने वाली सब्जियां मंडी तक नहीं आ रही हैं। पिछले चार दिनों में हल्द्वानी मंडी को करीब चार से पांच करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है।
जिले के रामगढ़, धारी, ओखलकांडा, रामगढ़, बेतालघाट, हल्द्वानी, कोटाबाग व रामनगर विकासखंड में करीब दस हजार किसान सब्जी उत्पादन से कमाई करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मटर का उत्पादन 9552.55 मीट्रिक टन, बंदगोभी 12235.65 मीट्रिक टन, फूलगोभी 2028.65 मीट्रिक टन हुआ।
जिले के रामगढ़, धारी, ओखलकांडा, रामगढ़, बेतालघाट, हल्द्वानी, कोटाबाग व रामनगर विकासखंड में करीब दस हजार किसान सब्जी उत्पादन से कमाई करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मटर का उत्पादन 9552.55 मीट्रिक टन, बंदगोभी 12235.65 मीट्रिक टन, फूलगोभी 2028.65 मीट्रिक टन हुआ।