तमिलनाडु में बारिश से हाहाकार

नई दिल्ली। तमिलनाडु और पुडुचेरी में पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण तमिलना के कई शहरों में जनजीवन पूरी तरीके से प्रभावित है। चेन्नई में स्कूलों में छुट्टियां कर दी गई हैं। मौसम विभाग के अनुसार, बारिश का ये सिलसिला अगले 24 घंटों तक जारी रहने की संभावना है।दरअसल, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान के जोर पकड़ते ही, तटीय इलाकों में भारी वर्षा देखने को मिली है। इसके चक्रवात के कारण समुद्र भी पूरे उफान पर है। आईएमडी ने पहले ही तमिलनाडु के तटों पर बारिश का रेड अलर्ट जारी कर दिया था।

स्थानीय मौसम विभाग के मुताबिक, तमिलनाडु और पुडुचेरी में पहले ही बड़े पैमाने पर बारिश की खबर है। मंगलवार सुबह 8:30 बजे से बुधवार सुबह 5:30 बजे के बीच, कुड्डालोर में सबसे अधिक 174 मीमी. बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं, पुडुचेरी में 146.5 mm, कलावई में 100 mm, नेवेली 95 mm और चेन्नई में 89 mm बारिश की रिपोर्ट की गई है। इसके अलावा मदुरै में 41 mm, तिरुचिरापल्ली में 28 mm और सलेम में 18.9 mm समेत कई अंदरूनी जिलों में भी हल्की बारिश हुई।

बताया जा रहा है तमिलनाडु में हो रही लगातार बारिश के कारण तालाबों में पानी का स्तर बढ़ गया। चेन्नई में रात भर हुई बारिश की वजह से पेड़ों की टहनियां गिर गईं। तमिलनाडु में मेट्टूर डैम में पानी अपनी क्षमता से अधिक भर गया है। चेन्नई में रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश के अलावा, तटीय जिलों में भी भारी बारिश हो रही है।

राज्य में भारी बारिश के बीच तमिलानाडु के सीएम एमके स्टालिन ने एक समीक्षा बैठक की है। सीएम ने अधिकारियों को सतर्क रहने और बचाव और राहत कामों के लिए मैदान में बने रहने का निर्देश दिया।भारी बारिश की चेतावनी के बीच चेन्नई में स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है। चेन्नई की जिला कलेक्टर रश्मि सिद्धार्थ जगड़े ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर विद्यालयों को बंद रखने को कहा गया है।

इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 24 घंटों में उत्तरी तटीय तमिलनाडु, पुडुचेरी और उससे सटे दक्षिणी आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई है। इस बीच मछुआरों को खराब मौसम के कारण समुद्री इलाकों से दूर रहने को कहा गया है। वहीं, उन्हें बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी गई है। इसके अलावा विभाग ने बताया कि यही मौसम मॉडल महीने के आखिर में एक और लो-प्रेशर एरिया बनने का संकेत दे रहे हैं, जो एक साइक्लोन में भी बदल सकता है।

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