मंगल ग्रह के आसमान में बना इंद्रधनुष!

वाशिंगटन। मंगल पर भेजे गए नासा के मार्स रोवर परसिवरेंस ने वहां के आसमान में एक कमाल की फोटो खींची है। इसमें मंगल के आसमान में इंद्रधनुष बना हुआ दिखाई दे रहा है, जो कि बेहद खूबसूरत भी है। ये पहला मौका है जब किसी रोवर ने धरती से इतनी दूर इस तरह की कोई चीज को कैमरे में कैद किया है। नासा की तरफ से इसकी जानकारी ट्वीट कर दी गई है। साथ ही कहा गया है कि बहुत लोगों का कह रहे हैं कि क्‍या ये लाल ग्रह पर इंद्रधनुष है। इसके जवाब में नासा ने कहा है कि नहीं। नासा के मुताबिक मंगल ग्रह पर इंद्रधनुष हो ही नहीं सकता है।

नासा का कहना है कि इंद्रधनुष रोशनी के रिफ्लेक्‍शन और पानी की छोटी-छोटी बूंदों से बनता है, लेकिन मंगल ग्रह पर न तो इतना पानी मौजूद नहीं है और न ही इस अवस्‍था में मौजूद है और यहां पर वातावरण में तरल पानी के लिहाज से यहां बेहद ठंडा है। नासा ने बताया है कि दरअसल, मंगल ग्रह के आसमान में दिखाई देने वाली ये इंद्रधनुषी छटा रोवर के कैमरे में लगे लैंस की एक चमक है।

आपको बता दें कि नासा का वातावरण बेहद सूखा है जहां पर वातावरण में करीब 95 फीसद तक टॉक्सिक कार्बनडाईऑक्‍साइड मौजूद है। इसके अलावा 4 फीसद में नाइट्रोजन और अरगोन है और एक फीसद ऑक्‍सीजन और वाटर वेपर है। इस तरह से केमिकल और फिजीकली मंगल ग्रह धरती से काफी अलग है। नासा के मार्स रोवर द्वारा ली गई इस इमेज की बात करें तो ये 18 फरवरी को उस वक्‍त ली गई थी जब रोवर ने मंगल ग्रह की सतह को छुआ था। नासा की तरफ से एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी गई है।

नासा के सोलर सिस्‍टम एक्‍सप्‍लोरेशन के प्रोग्राम एग्‍जीक्‍यूटिव डेव लावेरी का कहना है कि तस्‍वीर में नजर आने वाले रंगों की लाइन की वजह लाल ग्रह के आसमान में छाई धूल भी हो सकती है जो सूरज की रोशनी में चमक रही है। इसमें कुछ कमाल लैंस की चमकक का भी हो सकता है। उनके मुताबिक जिस वक्‍त ये तस्‍वीर ली गई उस वक्‍त रोवर उत्‍तर दिशा की तरफ था और मार्स सोलर समय के मुताबिक उस वक्‍त दोपहर के दो बजे थे।

कैमरा उस वक्‍त दक्षिण की तरफ था। इस लिहाज से ये एक बेहतर समय है जबकि रोशनी की चमक रोवर के कैमरे पर पड़ सकती है। हालांकि कुछ जानकारों का ये भी मानना है कि इस तरह की फोटो आने की एक वजह आइसबो भी हो सकती है जो मास्र के पोलर क्षेत्र में हैं।

गौरतलब है कि नासा का परसिवरेंस फरवरी में लाल ग्रह के जेजीरो क्रेटर में उतरा था। इसका काम यहां पर जीवन तलाश करना है। मंगल पर भेजा गया नासा का ये 5वां रोवर है। पहली बार नासा ने मंगल ग्रह पर एक हेलीकॉप्‍टर इंजेंवेनिटी भी भेजा है, जिसको फिलहाल इसकी सतह पर उतार दिया गया है। इसकी उड़ान के साथ ही नासा एक और इतिहास रचने के करीब पहुंच गया है। ये उड़ान संभवत: गुरुवार को होनी है।

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