घट गए घटक दल

पटना :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार को उखाड़ फेंकने का एलान आज, यानी शुक्रवार के दिन होगा। देशभर से भाजपा विरोधी दलों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना का बुलावा भेजा था। राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस को लेकर गतिरोध था, वह आ गई। तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी और डीएमके के एमके स्टालिन भी आ गए।

लेकिन, दावे के अनुसार दल नहीं जुट रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुलावा भेजा, दावा नहीं किया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दावा किया था कि 18 घटक दल आएंगे। जोर देकर। लेकिन, 23 जून आया तो इनकी संख्या घटी हुई नजर आ रही है।

सुबह करीब साढ़े 11 बजे से ढाई बजे तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर देशभर के भाजपा-विरोधी दलों के दिग्गजों का जुटान है। देश में पहली बार केंद्र में सत्तारूढ़ दल के खिलाफ रही पार्टियों के इतने बड़े-बड़े दिग्गज जुट रहे हैं। बैठक में शामिल होने के लिए गुरुवार को सबसे पहले जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) की महबूबा मुफ्ती आईं।

उसके बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता ममता बनर्जी। फिर, शाम होने से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, संजय सिंह और राघव चड्ढा आए। सबसे अंत में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के एमके स्टालिन। महबूबा पूर्व मुख्यमंत्री हैं। ममता बनजी, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान और एमके स्टालिन मौजूदा सीएम हैं। यह कुल मिलाकर, चार दल हुए।

शुक्रवार को बैठक के लिए पटना पहुंचने वाला सबसे चर्चित नाम कांग्रेस (Congress) के नंबर वन नेता राहुल गांधी का है। कांग्रेस पार्टी (Congress Party INC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे उनके साथ रहेंगे। उनके अलावा, महाराष्ट्र से शिवसेना (Shiv sena) के उद्धव ठाकरे, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के शरद पवार आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी (SP) के अखिलेश यादव आ रहे हैं। जम्मू कश्मीर से नेशनल कांफ्रेंस (NC) के गुरुवार को पुन: अध्यक्ष चुने गए फारुख अब्दुल्ला आज सुबह पहुंचे हैं।

वामपंथी दलों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) से डी राजा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) से दीपांकर भट्टाचार्य को आना था। इनमें दीपांकर पहले ही आ गए थे। साथ ही, शुक्रवार को ही झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन आ रहे हैं। यह कुल मिलाकर नौ दल हुए।

बिहार में सत्तारूढ़ और राज्य विधानसभा की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर से बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव रहेंगे। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव अचानक पहुंच सकते हैं या वीडियो कॉल पर भी बात कर सकते हैं, ऐसी सूचना आ रही है। सत्ता के मुखिया नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड (JDU) की ओर से मुख्यमंत्री के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह बैठक में मौजूद रहेंगे। इन दो दलों को मिलाकर संख्या 15 तक ही पहुंची।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भले ही बार-बार जोर देकर कहा कि देशभर के 18 विपक्षी दल जुट रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संख्या पर कभी बल नहीं दिया। इसकी वजह उनके अंतर्मन की आशंकाएं थीं। उनके मन में कई आशंकाएं थीं, लेकिन अंतिम तीन आशंकाएं सही साबित होती नजर आ रही हैं।

बैठक की तारीख आने से एक दिन पहले राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सहमति पत्र भेजकर आने से मना कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते और अजीत चौधरी के बेटे जयंत ने नहीं आने की वजह दूसरी व्यस्तताएं बताईं, जबकि हकीकत यह है कि इसी आशंका के कारण जदयू ने इनके स्वागत में पोस्टर नहीं लगवाए थे।

भारत राष्ट्र समिति के संस्थापक और तेलंगाना के मुख्यमंत्री कल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव (KCR) को लेकर भी यही डर था, इसलिए गुरुवार सुबह से स्वागत के पोस्टर नहीं नजर आए। जदयू अध्यक्ष जो नंबर बता रहे थे, उसमें शिरोमणी अकाली दल का भी नाम था। शिरोमणी अकाली दल की कभी भाजपा से गठबंधन और कभी दूरी की खबरें आती रहीं, लेकिन विपक्षी दलों की एकजुटता में आना संदिग्ध ही रहा और परिणाम भी अब सामने है।

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