खुलासा: एलियन का विमान महासागर में हुआ क्रैश !

नई दिल्ली: एलियंस को लेकर आए दिन अलग-अलग दावे किए जाते हैं। अंतरिक्ष में एलियंस की मौजदूगी सबसे बड़ा रहस्य है। क्या ब्रह्मांड में एलियन का अस्तित्व है? सालों से वैज्ञानिक इस सवाल का जवाब खोजने में लगे हुए हैं, लेकिन एलियंस को लेकर उन्हें अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

लेकिन आए दिन एलियंस को लेकर अजीबोगरीब दावे किए जाते हैं। कुछ लोगों ने धरती पर एलियन और यूएफओ को देखने का दावा किया है। अब इस बीच हार्वर्ड के एक वैज्ञानिक ने दूसरी दुनिया के जीव को लेकर नया दावा किया है।

वैज्ञानिक ने दावा करते हुए कहा कि एलियंस के एक विमान (UFO) के प्रशांत महासागर में क्रैश होने की संभावना है। वैज्ञानिक इस दावे को साबित करने के लिए एक मिशन की तैयारी में लगे हुए हैं। अब आने वाले समय में ही पता चल पाएगा कि वैज्ञानिक के दावे में कितनी सच्चाई है। आइए जानते हैं कि उन्होंने एलियन को लेकर क्या दावे किए हैं…

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्रोफिजिसिस्ट एवी लोएब का दावा है कि एक स्पेसक्राफ्ट की तरह दिखने वाली वस्तु धरती पर दुर्घटनाग्रस्त हुई और पापुआ न्यू गिनी के मैनुस द्वीप के तट से उसकी टक्कर हुई। अमेरिकी स्पेस कमांड ने इसको लेकर कहा है कि यह सिर्फ एक उल्कापिंड था।

एवी लोएब पहले भी इस तरह के दावे कर चुके हैं जिन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी हैं। वह काफी लंबे से अंतरिक्ष पर शोध कर रहे हैं। वैज्ञानिक अक्सर उनको दावों से असहमत रहते हैं।

उन्होंने अपने लिखे एक निबंध में बताया है कि एक इंटरस्टेलर उल्कापिंड की हमारी खोज ने एक नए रिसर्च की शुरुआत की है। लोएब अपनी थ्योरी पर शोध करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया है कि महासागर से वह कैसे किसी चीज को बाहर निकालेंगे।

एस्ट्रोफिजिसिस्ट एवी लोएब ने बताया है कि वह प्रशांत महासागर से चीजों को खींचने के लिए स्कूपिंग मैग्नेट का इस्तेमाल करेंगे। उनका सपना एक ऐसे उपकरण के बटन को दबाना है जिसका निर्माण धरती के बाहर हुआ हो।

स्ट्रोफिजिसिस्ट एवी लोएब हार्वर्ड के साथ काम कर चुके हैं। उनका कहना है कि इससे पहले भी एलियन से संबंधित टेक्नोलॉजी पृथ्वी पर गिर चुकी है। उनका कहना था कि अधिकतर वैज्ञानिकों का मानना है कि ओउमुआमुआ (Oumuamua), एक इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट का निर्माण बाहरी अंतरिक्ष में कृत्रिम तरह से हुआ है।

लोएब ने बताया है कि महासागर से अंतरिक्ष से आई चीजों को इकट्ठा कर उनकी प्रकृति और संरचना पर रिसर्च किया जा सकता है। अब लोएब के इस दावे ने एक बार फिर वैज्ञानिकों को हैरत में डाल दिया है।

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