वाशिंगटन. दुनिया भर में भारी तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस की उत्पत्ति आखिर कहां से हुई थी? पिछले 3 साल से इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश चल रही है. इस बीच खबर है कि अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात की प्रबल संभावना जताई है कि कोविड-19 महामारी किसी प्रयोगशाला में हुई लीक का नतीजा हो सकती है. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया है कि व्हाइट हाउस और अमेरिकी संसद के प्रमुख सदस्यों को सौंपी गई एक खुफिया रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, ऊर्जा विभाग ने पहले इस वायरस की उत्पत्ति को लेकर किसी तरह को लेकर किसी तरह की टिप्पणी करने कर दिया था. हालांकि अब नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक एवरिल हैन्स के कार्यालय द्वारा 2021 के दस्तावेज़ के अपडेट में यह नई जानकारी दी गई है.
यह नई रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि महामारी की उत्पत्ति के बारे में खुफिया समुदाय के अलग-अलग हिस्से अलग-अलग निर्णयों पर कैसे पहुंचे हैं. ऊर्जा विभाग अब इस मामले में संघीय जांच ब्यूरो (FBI) की राय से सहमत हो गया है कि चीनी प्रयोगशाला में दुर्घटना के कारण वायरस फैलने की संभावना है.
हालांकि यहां यह भी बता दें कि राष्ट्रीय खुफिया पैनल सहित चार अन्य एजेंसियों का मानना है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति प्राकृतिक रूप से हुई, जबकि दो एजेंसियां इस मामले में किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, ऊर्जा विभाग का यह निष्कर्ष नई खुफिया जानकारी का परिणाम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह इसलिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि एजेंसी के पास काफी वैज्ञानिक विशेषज्ञता है और अमेरिकी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के नेटवर्क की देखरेख करती है, जिनमें से कुछ उन्नत जैविक अनुसंधान करती हैं.
हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक, इस गोपनीय रिपोर्ट को पढ़ने वाले लोगों के अनुसार ऊर्जा विभाग ने ‘कम आत्मविश्वास’ के साथ अपना निष्कर्ष दिया है. वहीं एफबीआई भी वर्ष 2021 की अपनी एक रिपोर्ट में इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि कोरोना महामारी एक प्रयोगशाला रिसाव का परिणाम थी. एजेंसी ने हालांकि अपने निष्कर्ष के पीछे कोई ठोस सबूत नहीं दिया था, लेकिन उसका कहना है कि वह अपने निष्कर्ष पर अब भी कायम है.