उदय दिनमान डेस्कः एक नए शोध में खुलासा किया गया है कि कैसे चींटियां हत्या कर रही हैं और करवा रही हैं. नए अध्ययन के अनुसार, आक्रमणकारी परजीवी चींटी रानियां विभिन्न कॉलोनियों के चींटी श्रमिकों को अपनी ही मां को मारने और उसके अंग-भंग करने के लिए उकसाती हैं. ताकी चींटियों की असली रानी के मरने के बाद आक्रमणकारी चींटी नई रानी बन सके.
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा प्रतीत होता है कि परजीवी कॉलोनी में घुसपैठ करता है और फिर राज करने वाली रानी पर फॉर्मिक एसिड का छिड़काव करती हैं.जापान के क्यूशू विश्वविद्यालय के जीवविज्ञानी और अध्ययन के प्रमुख लेखक केइज़ो ताकासुका ने बताया कि फॉर्मिक एसिड से रानी की गंध गायब हो जाती है, और एक पल में वह प्राणी जिसकी श्रमिक सबसे ज़्यादा रक्षा करते हैं, एक ख़तरनाक ख़तरे में बदल जाता है. असली रानी और श्रमिकों, दोनों के लिए, यह एक बुरे सपने से ज़्यादा कुछ नहीं है.
घुसपैठिया रानी दूसरे रानी से पहले हमले से पहले श्रमिकों को मारती है. इससे श्रमिकों की गंध घुसपैठियां रानी में समा जाती है.यह साजिश इसलिए काम करती है क्योंकि चींटियों की दृष्टि सीमित होती है और घोंसला अंधेरा होता है, इसलिए मज़दूर पहचान और निर्णय लेने के लिए गंध पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं.चींटियों की कुछ प्रजातियां, जैसे लासियस ओरिएंटलिस और लासियस अम्ब्रेटस, सामाजिक परजीवी के रूप में काम करती हैं.
अपनी कॉलोनी शुरू करने के बजाय, इन प्रजातियों की रानियां अन्य प्रजातियों, जैसे लासियस फ्लेवस और लासियस जैपोनिकस, की कॉलोनियों में घुसपैठ करती हैं और उन पर कब्जा कर लेती हैं, जिससे मजदूर उनकी सेवा करने लगते हैं.इस जांच के लिए, ताकासुका और उनके सहयोगियों ने प्रयोगशाला में चींटियों के व्यवहार का अध्ययन किया. ये निष्कर्ष सोमवार (17 नवंबर) को करंट बायोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं.

