उत्‍तराखंड में फिर कोरोना के मामलों में उछाल

देहरादून:  कोरोना के मामलों में एक बार फिर उछाल देखने को मिला है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना के 13 मामले सामने आए हैं। इनमें नौ मरीज देहरादून जनपद से हैैं। जबकि ऊधमसिंहनगर में दो और नैनीताल व पौड़ी गढ़वाल में भी एक-एक व्यक्ति की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। राहत इस बात की है कि इनमें क्लस्टर केस नहीं हैैं।

विशेषज्ञ कोरोना के मामलों में एकाएक हुई बढ़ोतरी को किसी लहर के रूप में खारिज करते हैैं। उनके अनुसार कोविड-19 वायरस अब इन्फ्लूएंजा या अन्य वायरल बीमारियों के समान बन गया है, और मौसमी बदलावों के चलते न्यूनतम-अधिकतम तापमान में उतार-चढ़ाव के साथ स्पाइक करेगा। ऐसे में सावधानी ही बचाव है।

बता दें, राज्य में इस साल कोरोना के 192 मामले आए हैैं। जिनमें 155 स्वस्थ भी हो चुके हैैं। वहीं, कोरोना संक्रमित चार मरीजों की मौत भी हुई है। अभी कोरोना के 26 सक्रिय मामले हैैं। इनमें 13 मामले देहरादून, छह हरिद्वार, तीन ऊधमसिंहनगर, दो उत्तरकाशी और एक-एक मामला नैनीताल व पौड़ी गढ़वाल में है।

एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डा. पंकज सिंह ने बताया कि क्लस्टर केस नहीं हैैं। न ही कोरोना वायरस का कोई नया वैरिएंट सक्रिय है। जो भी मरीज मिले हैैं, वह अलग-अलग जगह से हैैं। कोई भी मामला गंभीर प्रकृति का नहीं है।

देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में अब कोरोना टेस्टिंग बढ़ाई जाएगी। इसके लिए जल्द ही स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश दिए जाएंगे। 10 व 11 अप्रैल को प्रदेश के सभी सरकारी व निजी चिकित्सालयों में माक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों को परखा जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के साथ कोरोना से बचाव व राज्यों में टीकाकरण के संबंध में वीडियो कानफ्रेंसिंग के जरिये चर्चा की। इसमें उत्तराखंड की ओर से से सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार उपस्थित रहे। बैठक की जानकारी देते हुए सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि केंद्र के निर्देशों के क्रम में राज्य में टेस्टिंग बढ़ाई जाएगी।

कोरोना को लेकर कोई लापरवाही नहीं की जाएगी। इसी क्रम में टेस्टिंग को लेकर विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वह माक ड्रिल की सभी तैयारियां सुनिश्चित करे।

एच 3 एन 2 वायरस (इन्फ्लूएंजा वायरस) से बढ़ी चिंता के बीच एक राहतभरी खबर है। दून मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती 35 वर्षीय युवक अब बिल्कुल स्वस्थ है। उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं, इन्फ्लूएंजा-बी से पीडि़त 65 वर्षीय वृद्धा का अभी उपचार चल रहा है।

चिकित्सकों के अनुसार उनके स्वास्थ्य में भी तेजी से सुधार हो रहा है। अस्पताल के टीबी एवं चेस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि दोनों मरीजों की हालत बेहतर है। दोनों ही मरीज को सांस की समस्या हो रही थी। जिस कारण उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया था।

युवक को पांच दिन उपचार के बाद अब डिस्चार्ज कर दिया गया है। जबकि वृद्धा की भी स्थिति काफी बेहतर है। उन्होंने कहा कि जिन लोग की इम्युनिटी कमजोर होती है, उन मरीजों पर वायरस का प्रभाव अधिक हो जाता है। हालांकि, डरने की कोई बात नहीं है।

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