सऊदी अरब की भीषण गर्मी

सऊदी अरब:मुस्लिमों की इस साल की सबसे पवित्र यात्रा ‘हज’ शुक्रवार से शुरू हो चुकी है. इस चिलचिलाती भीषण गर्मी के बीच 160 देशों से करीबन 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र मक्का पहुंच चुके हैं. वार्षिक हज यात्रा के दौरान मक्का में यात्री सफेद कपड़े और सैंडल पहने गलियों, सड़कों, मॉल और होटलों में घूमते नजर आए. लाखों हाजियों से मक्का ख़चाख़च भरा हुआ है. एक अधिकारी ने बताया दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक यात्रा में श्रद्धालुओं की उपस्थिति पुराना रिकॉर्ड तोड़ सकती है.

मुस्लिमों का इस साल का सबसे पवित्र यात्रा ‘हज यात्रा’ शुक्रवार से शुरू हो चुका है. इस चिलचिलाती भीषण गर्मी के बीच 160 देशों से करीबन 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र मक्का पहुंच चुके हैं. वार्षिक हज यात्रा के के दौरान पवित्र शहर मक्का में यात्री सफ़ेद कपडे और सैंडल पहने गलियों, सड़कों, मॉल और होटलों में घूमते नजर आये. लाखों से श्रद्धालुओं से पवित्र शहर ख़चाख़च भरा हुआ दिखाई दिया. एक अधिकारी ने बताया दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक सभा में श्रद्धालुओं की उपस्थिति पुराना रिकॉर्ड तोड़ सकता है.

हज और उमराह मंत्री तौफीक अल-रबिया ने बताया हज यात्रा से सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है. उन्होंने बताया इस वर्ष 160 से अधिक देशों से रिकॉर्ड 2 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है, जो कि पिछले वर्ष के 926,000 से काफी अधिक है. वहीं, कोविड महामारी के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या 10 लाख तक सीमित कर दिया था. वहीं, साल 2019 में 25 लाख लोगों ने पवित्र हज यात्रा में भाग लिया था.

हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और इसे सभी मुसलमानों को अपने जीवन में कम से कम एक बार अवश्य करना चाहिए. पवित्र शहर मक्का में हज यात्रा के लिए दुनिया भर से यात्री आधुनिक जेद्दा एयरपोर्ट से बस से डायरेक्ट होटल की ओर गुजरते हुए दिखे. तीर्थयात्रियों को लाने-ले जाने के लिए लगभग 24,000 बसें सेवा में रहेंगी, साथ ही 17 ट्रेनें हर घंटे 72,000 लोगों को ले जाने में सक्षम होंगी.

साल 2021 में महिलाओं को पुरुष अभिभावक के साथ आने की अनिवार्यता को खत्म होने के बाद से यहां, श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती हुई दिखाई दे रहा है. इस वर्ष, अधिकतम आयु सीमा भी समाप्त कर दी गई है. इसका मतलब है कि हजारों बुजुर्ग भी इस वर्ष हज यात्रा के दौरान सऊदी की गर्मियों से जूझेंगे. यहां, देखें कैसे एक मुस्लिम तीर्थयात्री पवित्र शहर मक्का में चलते समय खुद को धूप से बचाने के लिए प्रार्थना चटाई का उपयोग करती है.

हज की रस्में रविवार देर रात मक्का की ग्रैंड मस्जिद में शुरू हुई. उपासक सोमवार की रात तंबू में गुजार कर और मंगलवार को हज के चरमोत्कर्ष का समय प्रसिद्ध ‘माउन्ट अराफात’ पर गुजारे. ये वहीं, जगह है जहां, पैगंबर मोहम्मद ने अपना अंतिम उपदेश दिया था. बुधवार को ‘शैतान को पत्थर मारने’ का रस्म हुआ. उसके बाद ईद अल-अधा की छुट्टी को याद करते हुए, यात्री मक्का लौटते हैं. यहां, तीर्थयात्री विदाई ‘तवाफ़’ करते हुए काबा के चारों ओर 7 फेरे लगाते हैं.

मुस्लिम तीर्थयात्री को हज यात्रा से पहले सऊदी के पवित्र शहर मक्का में ग्रैंड मस्जिद में इस्लाम के पवित्र मंदिर काबा के आसपास प्रार्थना करते हैं. मुस्लिम तीर्थयात्री हज यात्रा से पहले सऊदी के पवित्र शहर मक्का में ग्रैंड मस्जिद में इकट्ठा हुए. मालूम हो कि मक्का तीर्थयात्रा सऊदी अरब के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है. हज और साल भर चलने वाले उमरा अनुष्ठानों से सऊदी सऊदी अरब को सालाना अनुमानित $12 बिलियन की आय होती है.

वहीं, अपने एक विस्तार योजना में सऊदी अरब इस्लाम के सबसे दो पवित्र स्थल मक्का और मदीना के सौंदर्यीकरण और परिवहन को बढ़ाने पर काम करना है. इस योजना के तहत यात्रियों के आगमन को बढ़ाना है ताकि आय के स्रोत में काफी इजाफा हो.

चार दिवसीय मुस्लिमों की पवित्र यात्रा काफी जोखिम भरा होता है. इस दौरान आतंकी हमले, भगदड़, हीट स्ट्रोक का खतरा बना रहता है. आठ साल पहले 2015 में मक्का में शैतान को पत्थर मारने के दौरान भगदड़ में लगभग 2300 यात्रिओं की मौत हो गई थी. वहीं, साल 1979 में आतंकियों ने बन्दूक की नोक पर ग्रैंड मस्जिद के अंदर दर्जनों को तीर्थयात्रियों को बंधक बना लिया था.

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