कोरोना के साथ मौसमी बीमारियों की मार

नई दिल्ली:दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों के साथ मौसमी बीमारियों ने भी समस्या बढ़ा दी है। इसकी चपेट में आम लोगों के साथ बढ़ी संख्या में डॉक्टर भी आ रहे है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली, डॉ. राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, गुरु तेग बहादुर अस्पताल सहित दिल्ली के 15 से अधिक अस्पतालों में काफी डॉक्टर इस वक्त बीमार हैं।

हालांकि स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन तबीयत खराब होने से अस्पताल में मरीजों को देखने के लिए डॉक्टरों की संख्या घट रही है। एम्स से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में वरिष्ठ फैकल्टी सहित चार डॉक्टर और कई अन्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए हैं। इसे देखते हुए एम्स ने डॉक्टर व कर्मचारियों के लिए एडवाइजरी जारी की है।

वहीं डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में करीब सात डॉक्टर कोरोना से संक्रमित है। इसके अलावा अन्य अस्पतालों में कोरोना से संक्रमित डॉक्टरों की संख्या एक-दो ही है। डॉक्टरों का कहना है कि पिछली लहर में संक्रमित डॉक्टरों को सात दिन क्वारंटाइन रहने को कहा गया था, इस बार ठीक होने के बाद सेवाएं दे रहे हें। इस संबंध में डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. पुलिन गुप्ता ने कहा कि कोरोना बार-बार अपना रूप बदल रहा है।

इस बार यह मौसमी बीमारी से पीड़ितों को भी अपना शिकार बना रहा है। ऐसे में मधुमेह, बीपी सहित गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को कोरोना का टीका तीसरा टीका भी जरूर लगवाना चाहिए। ऑक्सीजन की मात्रा 95 से कम हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार सतर्क हो गयी है। शिक्षा मंत्री आतिशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रही है। स्कूलों को इससे संबंधित जल्द ही दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। बुधवार को सात महीने में पहली बार एक हजार मामले सामने आए थे। इसकी समीक्षा की जाएगी

दिल्ली में तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं, हालांकि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज का दावा है कि कोरोना के नए वेरिएंट एक्सबीबी 1.16 से बच्चों में कोई गंभीर संक्रमण नहीं दिखा। उनका कहना है कि दिल्ली में बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली सरकार कोरोना को लेकर करीबी नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से तैयार है।

ऑक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर बेड, आईसीयू बेड की पर्याप्त मात्रा है। लोकनायक अस्पताल के के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार का कहना है कि अस्पताल में कोरोना से संक्रमित 18 दिन के एक नवजात को भर्ती किया गया है। इसके अलावा अस्पताल में चार और बच्चे भर्ती हैं।

वहीं डॉ. कुमार ने बताया कि बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है, ऐसे में हमें उनके लिए एहतियात बरतने की जरूरत है इनमें बुखार, खांसी-सर्दी, आंखों में संक्रमण और पेट के संक्रमण जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस का नया स्वरूप एक्सबीबी.1.16 इस वृद्धि के लिए जिम्मेदार हो सकता है।

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