बाढ़ का खतरा देख हजारों लोगों को किया शिफ्ट

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को कहा कि शहर में यमुना नदी के बाढ़ ग्रस्त इलाके में रहने वाले हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी आवास में शिफ्ट कर दिया गया है और उन्हें भोजन और पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल सरकार के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के निचले इलाकों को खाली कराने का काम चल रहा है।

सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यमुना का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में पानी भर गया है। जलस्तर बढ़ने से प्रभावित हुए लोगों को पूर्वी, उत्तर, पूर्वोत्तर, दक्षिण पूर्व मध्य और शाहदरा जिलों में शिफ्ट किया जा रहा है। यहां इन लोगों के लिए 27 सौ से ज्यादा टेंट की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा के हथिनीकुंड से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है, लेकिन दिल्ली में बाढ़ की संभावना नहीं है। दिल्ली में कोई बाढ़ नहीं आएगी। जैसे-जैसे यमुना का स्तर बढ़ता है, नदी के किनारे रहने वाले लोगों को निकालना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि नदी के पास रिहायशी इलाकों में पानी आने का कोई खतरा नहीं है।भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के निचले इलाकों से निकाले लोगों को शरण देने के लिए सबसे ज्यादा टेंट पूर्वी जिले (1,700), उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले में 280, शाहदरा में 170, मध्य में 150 और दक्षिण पूर्व जिले में 384 अन्य में बनाए गए हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को एक आपात बैठक के बाद कहा कि जब नदी 206 मीटर के आंकड़े को पार करती है तो यमुना के बाढ़ ग्रस्त इलाकों से लोगों को निकाला जाएगा।सोमवार शाम को इसका जलस्तर 205.33 मीटर तक पहुंच गया था। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से यमुना में अधिक पानी छोड़े जाने के कारण शाम 6 बजे तक जलस्तर 206.75 मीटर तक बढ़ जाने की संभावना है।

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंगलवार सुबह छह बजे से पुरानी दिल्ली से शाहदरा होते हुए गाजियाबाद जाने वाली ट्रेनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि यमुना में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण लोहा पुल को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है।

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