रक्तदान के साथ अंकित तिवारी ने मनाया अपना जन्मदिन
डोईवाला: अंकित तिवारी, अपने जीवन के हर पड़ाव में समाज को सशक्त बनाने और जागरूकता फैलाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दृढ़ता से दर्शाते हैं। एक ओर जहां लोग अपने जन्मदिन का जश्न परिवार और दोस्तों के साथ मनाते हैं, वहीं अंकित ने रक्तदान को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। पिछले 11 वर्षों से अंकित तिवारी अपने जन्मदिन पर रक्तदान करते आ रहे हैं, जो न केवल उनका सामाजिक दायित्व निभाने का तरीका है, बल्कि यह एक प्रेरणादायक संदेश भी देता है।
रक्तदान एक ऐसा कार्य है, जो जीवन और मृत्यु के बीच की दूरी को समाप्त करता है। यह सिर्फ शारीरिक मदद नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक दृष्टि से भी लोगों को एक दूसरे के करीब लाता है। अंकित तिवारी ने रक्तदान को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया है। उनका यह कदम न केवल रक्तदाता के रूप में एक उदाहरण प्रस्तुत करता है, बल्कि यह समाज में एक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
अंकित के इस समर्पण की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। इससे पहले उन्होंने अपने जन्मदिन पर नेत्रदान और देहदान का संकल्प लिया था। समाज के प्रति उनके इस समर्पण ने उन्हें एक आदर्श व्यक्तित्व बना दिया है, जो सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि समग्र मानवता के लिए जीता है। अंकित तिवारी का यह कार्य केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि समाज में एक नई जागरूकता की लहर पैदा करने का माध्यम बन चुका है।
इस बार, अंकित के जन्मदिन पर उनके मित्र अनुराग पाल ने भी रक्तदान करने का संकल्प लिया। यह न केवल अंकित के कार्यों से प्रेरित होकर किया गया कदम था, बल्कि यह इस बात का प्रतीक भी था कि सही मार्गदर्शन और प्रेरणा मिलने पर कोई भी व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को समझ सकता है और उसे निभा सकता है।
इस अवसर पर अंकित तिवारी ने कहा, “रक्तदान केवल एक शारीरिक क्रिया नहीं है, यह समाज के प्रति हमारी एक जिम्मेदारी है। हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपनी ओर से यथासंभव सहायता करें ताकि जरूरतमंदों की मदद हो सके। मेरा जन्मदिन इस संदेश को और अधिक फैलाने का अवसर बनता है।”
वहीं अनुराग पाल ने कहा, “मैं हमेशा से अंकित को एक प्रेरणा के रूप में देखता आया हूं। उनके कार्यों ने मुझे यह समझने का अवसर दिया कि समाज में बदलाव लाने के लिए हमें पहले खुद को बदलना होगा। इस बार मैं भी रक्तदान करके अपनी जिम्मेदारी निभा रहा हूं और दूसरों को भी इस नेक कार्य के लिए प्रेरित करने की कोशिश कर रहा हूं।”
अंकित तिवारी के इस अद्वितीय प्रयास से यह सिद्ध होता है कि समाज में वास्तविक परिवर्तन छोटे-छोटे कदमों से शुरू होता है। उनका यह कार्य यह दर्शाता है कि हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों को समझते हुए, समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। रक्तदान, नेत्रदान और देहदान जैसे कार्य हमें यह सीख देते हैं कि हमारे जीवन का उद्देश्य सिर्फ खुद के लिए नहीं, बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी होना चाहिए।
अंकित तिवारी जैसे व्यक्तित्व हमें यह सिखाते हैं कि हम जब अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं, तो वह न केवल हमारे आसपास के लोगों को प्रभावित करता है, बल्कि समग्र समाज में बदलाव की लहर भी पैदा करता है। इस प्रकार के कार्यों से ही हम एक बेहतर और जिम्मेदार समाज की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
अंकित के जन्मदिन पर रक्तदान की यह पहल एक संदेश है कि समाज को बदलने की शुरुआत खुद से करनी चाहिए। जब तक हम अपने व्यक्तिगत स्तर पर ऐसे सकारात्मक कदम नहीं उठाएंगे, तब तक समाज में बदलाव की उम्मीद करना मुश्किल है।

