यूपी से उत्तराखंड में हो रही कछुओं की तस्करी

रुद्रपुर: उत्‍तराखंड का ऊधम सिंह नगर कछुआ तस्करी का गढ़ बनने लगा है। उत्तर प्रदेश से तस्करी कर लाए जाने वाले कछुओं की सप्लाई दिनेशपुर, रुद्रपुर और शक्तिफार्म में सबसे अधिक हो रही है।इसके अलावा स्थानीय डैम से भी तस्कर इन्हें पकड़कर महंगे दामों में बेच रहे हैं। कछुओं के मांस से अस्थमा व श्वांस आदि बीमारियों के लिए लाभदायक माने जाने के चलते इसकी तस्करी और अधिक बढ़ गई है।

कछुओं का संरक्षण करने और उनके पाए जाने वाले स्थानों के लुप्त होने के बारे में जनजागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल विश्व कछुआ दिवस मनाया जाता है। बावजूद इसके देशभर में कछुओं की तस्करी कम नहीं हो रही है। कुमाऊं मंडल के ऊधमसिंह नगर जिले में हर साल दर्जनों कछुओं के साथ तस्कर पकड़े जाते हैं।

पुलिस और वन विभाग के मुताबिक जिले में बरेली और कासगंज के साथ ही मैनपुरी, इटावा और रामपुर से आकर तस्करी करने वाले दो दर्जन मामलों का पर्दाफाश किया गया है। जिसमें 16 तस्कर गिरफ्तार कर उनसे 560 कछुए बरामद किए गए हैं।

जानकारों के मुताबिक लोग अस्थमा, टीबी समेत कई बीमारियों में इसे लाभकारी मानते हुए भी इसका मांस खाते हैं। इसके अलावा घरों में समृद्धि के लिहाज से भी शोपीस के रूप में छोटे कछुओं को रखा जाता है। फलस्वरूप तराई के सितारगंज के शक्तिफार्म, ट्रांजिट कैंप रुद्रपुर और दिनेशपुर में कछुओं की खूब डिमांड है।

बुधवार को दिनेशपुर थाना पुलिस ने 40 किलो के कछुए के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया था, वहीं रुद्रपुर के रहने वाले तीन कछुआ तस्करों को उत्तर प्रदेश में भी गिरफ्तार किया गया है। वह इटावा से उत्तराखंड के यूएस नगर में तस्करी कर कछुए लाने की फिराक में थे। इसी बीच यूपी वन विभाग ने रुद्रपुर निवासी राजेश चौहान, उत्तम दास व शुभम को गिरफ्तार कर लिया।

कछुओं की कई प्रजातियों को रेड लिस्ट व वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की संरक्षित जीव की सूची में शामिल किया है। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत इनकी तस्करी, उन्हें बेचना और रखना अपराध है। कछुओं की तस्करी करते पकड़े जाने पर तीन साल की सजा है।

कछुओं का मांस जिले में पांच सौ रुपये से एक हजार रुपये किलो बिकता है। जबकि वर्ष, 2020 और 21 में लगे लॉकडाउन में कछुए का मांस 1500 से 2000 रुपये किलो के हिसाब से भी रुद्रपुर, दिनेशपुर और शक्तिफार्म क्षेत्र में बेचा गया था।

20 मार्च 2020 को सिटी पेट्रोलिंग यूनिट ने रोडवेज स्टेशन से दो युवकों को पकड़ा। उनके पास 12 कछुए बरामद हुए थे। बाद में उसे वन विभाग के सुपुर्द कर दिया था।11 अक्टूबर 2020 में वन विभाग ने गंगापुर रोड से तीन कछुआ तस्करों को गिरफ्तार किया है। तस्करों के पास से आठ कछुए बरामद किए गए थे। साथ ही शल्क बरामद हुए। जिसे वह बरेली से ला रहे थे।

27 मार्च 2021 को वन विभाग रुद्रपुर की टीम ने दो महिला कछुआ तस्करों को गिरफ्तार किया। उनके पास से 16 कछुए बरामद किए। कछुए बरेली और कासगंज से लाए गए थे।17 सितंबर 2021 को वन विभाग ने दिनेशपुर के कंटोपा से दो कछुआ तस्कर गिरफ्तार किये। इनसे 17 किलोग्राम का एक पातल कछुआ सहित आठ कछुवे बरामद हुए थे, जिन्हें बाद में गुलरभोज डेम में छोड़ दिया गया।

20 सितंबर 2021 को पुलभट्टा क्षेत्र में सड़क हादसा हो गया। इस दौरान घटना में क्षतिग्रस्त कार से 33 कछुवे मिले। वन विभाग ने बरामद कछुवे कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।23 नवंबर 2021 को पुलिस और एसओजी ने पुलभट्टा थाना क्षेत्र से दो कछुआ तस्कर गिरफ्तार किए। उनके पास से करीब 190 कछुए बरामद हुए। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपित को जेल भेज दिया है।

26 दिसंबर 2022 को दिनेशपुर थाना पुलिस ने विजय नगर तिराहे के पास से दो कछुआ तस्कर पकड़े, जबकि सरगना भागने में कामयाब हो गया था। उनके पास से 293 जिंदा कछुए बरामद किए।10 मई को दिनेशपुर थाना पुलिस ने 40 किलो के कछुए के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया था। तस्कर कछुआ उत्तर प्रदेश से लाया था और उसे दिनेशपुर में बेचने की फिराक में था।

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